हरियाणा में शुक्रवार को फिर से पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई। हिसार के खेड़ी चोपटा से किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन में भाग लेने जाना चाहते थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और बल का प्रयोग करना पड़ा। पुलिस को आँसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठियाँ भांजनी पड़ीं। पथराव की भी रिपोर्ट है। कुछ लोगों को हिरासत में लिए जाने और घायल होने की भी ख़बर है।
पंजाब-हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के समर्थन में किसान पिछले पाँच दिनों से खेड़ी चोपटा पर धरने पर बैठे थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बड़े आंदोलन के समर्थन में उनकी शुक्रवार को पंजाब की खनौरी सीमा की ओर बढ़ने की योजना थी। हालाँकि, पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिस वजह से टकराव हुआ।
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की, जबकि आंदोलनकारियों ने उन पर पथराव किया। पथराव में कुछ किसानों को चोटें आईं। द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि संकेत मिलता है कि क्षेत्र में तनाव के बीच किसान नेता सुरेश कोथ सहित उनमें से लगभग एक दर्जन को हिरासत में लिया गया।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार खेड़ी चोपटा में प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच शुक्रवार को हुई झड़प में एक पुलिस अधिकारी घायल हो गया। वे पंजाब सीमा की ओर बढ़ रहे थे जहाँ बड़ी संख्या में किसान जुटे हुए हैं। वे एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी सहित कई मांगें मांग रहे हैं।
खनौरी में एक और किसान की मौत
इससे पहले शुक्रवार सुबह खनौरी में एक 62 वर्षीय किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। दर्शन सिंह पंजाब के बठिंडा जिले से थे, और इन विरोध प्रदर्शनों में मरने वाले बठिंडा के दूसरे व्यक्ति हैं। बुधवार को पुलिस के साथ झड़प के दौरान 21 वर्षीय शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी। किसानों ने आरोप लगाया है कि दर्शन सिंह के सिर में चोट लगी है।
किसान नेताओं ने कहा कि तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा जब तक कि पंजाब सरकार जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करती।
शुभकरण सिंह के परिवार ने सहायता राशि ठुकराई
शुभकरण सिंह की मौत के मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पोस्टमॉर्टम के बाद मामला दर्ज किया जाएगा। आम आदमी पार्टी नेता ने सिंह की बहन के लिए 1 करोड़ रुपये मुआवजे और रोजगार की घोषणा करते हुए कहा, 'जिम्मेदार लोगों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।'
पंजाब-हरियाणा सीमा पर झड़प के दौरान मारे गए शुभकरण सिंह के परिवार ने राज्य सरकार द्वारा दी गई 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि को ठुकरा दिया।
किसान नेताओं ने कहा कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिल जाती, वे युवक के शव का पोस्टमॉर्टम नहीं होने देंगे।
एसकेएम की एंट्री?
शुभकरण सिंह को "शहीद" घोषित करने की मांग तेज हो गई है। किसान संगठन पुलिस को शव परीक्षण नहीं करने दे रहे हैं। भारती किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने राज्य सरकार से सिंह को "शहीद" घोषित करने की मांग की, और लोगों से विरोध में अपने घरों, दुकानों और वाहनों पर काले झंडे फहराने की अपील की।
संयुक्त किसान मोर्चा यानी एसकेएम) ने भी मांग की कि हरियाणा सरकार के अधिकारियों और राज्य के गृह मंत्री के खिलाफ हत्या के आरोप के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए। एसकेएम की राष्ट्रीय समन्वय समिति के सदस्य अविक साहा ने सिंह के परिवार के लिए 1 करोड़ रुपये का मुआवजा, उनकी मौत की न्यायिक जांच और आंदोलन के दौरान क्षतिग्रस्त ट्रैक्टरों की लागत हरियाणा द्वारा वहन करने की मांग की।
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