हरियाणा पुलिस ने रविवार को इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या के मामले में बहादुरगढ़ के पूर्व भाजपा विधायक नरेश कौशिक सहित 12 लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है। कौशिक के अलावा जो आरोपी हैं उनमें भी कई जनप्रतिनिधि रहे हैं। नफे सिंह राठी की रविवार को बहादुरगढ़ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनके एक सहयोगी की भी मौत हो गई थी। यह घटना झज्जर जिले में हुई।
नफे सिंह राठी पर रविवार को तब हमला हुआ जब वह बहादुरगढ़ से होकर गुजर रहे थे। एक रेलवे क्रॉसिंग के पास हुंडई i10 में सवार शूटरों ने राठी की कार पर ताबड़तोड़ गोलीबारी की और कई सुरक्षाकर्मियों को भी गंभीर चोटें आईं। हमले के बाद गोली लगने से घायल राठी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहाँ बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया।
नफे सिंह राठी हरियाणा विधानसभा में दो बार विधायक रह चुके हैं। वह हरियाणा पूर्व विधायक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। राठी ने रोहतक निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। नफे सिंह राठी की हत्या के मामले में दर्ज एफ़आईआर में कई लोगों को आरोपी बनाया गया है।
आरोपियों में बहादुरगढ़ नगर परिषद की चेयरपर्सन सरोज राठी के पति रमेश राठी, उनके क़रीबी रिश्तेदार करमबीर राठी और कमल राठी, पूर्व मंत्री मांगे राम राठी के बेटे सतीश नंबरदार, पोते गौरव, राहुल और पांच अज्ञात हमलावर शामिल हैं। उन पर हत्या और साजिश के आरोप के तहत मामला दर्ज किया गया है। रमेश राठी बहादुरगढ़ नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन हैं।
एफआईआर नफे सिंह राठी के भतीजे और ड्राइवर राकेश की शिकायत पर दर्ज की गई है। पुलिस ने कहा कि जब अज्ञात हमलावरों ने नफे सिंह और कार में सवार अन्य लोगों पर गोलियां चलायीं तो राकेश एक सफेद फॉर्च्यूनर चला रहा था।
शिकायत के अनुसार, इनेलो नेता आगे की सीट पर बैठे थे जबकि उनके दो सुरक्षाकर्मी - संजीत और जय किशन - पीछे थे। राकेश ने कहा कि उन्होंने देखा कि एक कार उनका पीछा कर रही है और उन्होंने कार की गति तेज करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें रुकना पड़ा क्योंकि उनके रास्ते में एक रेलवे क्रॉसिंग का गेट बंद था। जब उन्होंने कार रोकी तो पिस्तौल से लैस पांच हमलावर बाहर निकले।
अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, राकेश ने कहा है, "हमलावरों ने कहा कि वे हमें सतीश, करमबीर राठी और नरेश कौशिक के साथ दुश्मनी के लिए सबक सिखा रहे थे, और हम पर गोलियां चला दीं। उनमें से एक मेरी ओर आया और बोला, 'मैं तुम्हें जीवित छोड़ रहा हूं। उनके परिवार को बताओ कि अगर वे नरेश कौशिक, करमबीर राठी, सतीश राठी, गौरव राठी, राहुल और कमल के खिलाफ अदालत में भी गए तो उन्हें मार दिया जाएगा'।"
उन्होंने कहा, 'मैंने देखा कि मेरे चाचा (नफे सिंह) और जय किशन की तब तक मौत हो चुकी थी, जबकि संजीत की हालत गंभीर थी।' राकेश ने बताया कि एक व्यक्ति उन्हें बहादुरगढ़ के एक निजी अस्पताल में ले गया। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनकी शिकायत में उल्लिखित लोगों ने साजिश रची थी और हत्याओं के पीछे उनका हाथ था।
हरियाणा में विपक्ष ने सोमवार सुबह विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान श्रद्धांजलि सभा के दौरान इस मुद्दे को उठाया। विपक्ष ने नफे सिंह की हत्या को 'राजनीतिक हत्या' बताते हुए उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की।
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