गुजरात के मेहसाणा की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने गुरुवार को बिना अनुमति रैली करने के एक मामले में जिग्नेश मेवाणी और नौ अन्य को एक मामले में दोषी ठहराया है। अदालत ने कहा है कि वे पुलिस की अनुमति के बिना जुलाई 2017 में मेहसाणा शहर से रैली करने के लिए अवैध रूप से इकट्ठा हुए। सभी दोषियों को तीन महीने की कैद और एक-एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
बिना अनुमति रैली के लिए जिग्नेश सहित 10 को 3 माह की कैद
- गुजरात
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- 5 May, 2022
प्रधानमंत्री मोदी को लेकर ट्वीट के लिए गिरफ़्तारी के बाद जिग्नेश मेवाणी हाल ही में ज़मानत पर रिहा हुए ही हैं कि उनके लिए एक और अदालती मुश्किल खड़ी हो गई है। जानिए मेहसाणा की अदालत ने क्यों दोषी ठहराया।

जिस मामले में उन्हें सज़ा सुनाई गई है वह जुलाई 2017 का मामला है। 12 जुलाई 2017 को ऊना में कुछ दलितों की खुलेआम पिटाई की घटना का एक वर्ष पूरा हुआ था। दलितों की पिटाई के कारण राज्य में बड़े पैमाने पर आंदोलन हुआ था। एक साल पूरे होने पर कई लोग वहाँ जुटे थे। मेवाणी और उनके सहयोगियों ने मेहसाणा से पड़ोसी बनासकांठा जिले के धनेरा तक एक 'आजादी कूच' का नेतृत्व किया था।