गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ने वाले हार्दिक पटेल ने गुरुवार को कांग्रेस की इसके लिए आलोचना की कि वह उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी पर लगातार हमले करते रही है। उन्होंने उद्योगपतियों की तारीफ़ में कहा कि ये उद्योगपति कड़ी मेहनत से आगे बढ़े हैं और उन्हें सिर्फ़ इसलिए निशाना नहीं बनाया जा सकता क्योंकि वे प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात से हैं।
हार्दिक पटेल ने एक दिन पहले यानी बुधवार को ही कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा की घोषणा की है और तब से कयास लगाया जा रहा है कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। हालाँकि उन्होंने अभी तक ऐसी घोषणा नहीं की है, लेकिन खुद कांग्रेस ने ही कहा है कि उनके इस्तीफ़े वाले पत्र में इस्तेमाल भाषा से संकेत मिलते हैं कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
कांग्रेस के नेता प्रधानमंत्री मोदी पर यह कहकर निशाना साधते रहे हैं कि उनके अडानी और अंबानी से क़रीबी संबंध हैं। इसी संदर्भ में हार्दिक पटेल का बयान आया है।
एएनआई ने हार्दिक पटेल के हवाले से कहा है, 'एक व्यापारी अपनी मेहनत से ही ऊपर उठता है। आप अडानी या अंबानी को हर बार गाली नहीं दे सकते। अगर पीएम गुजरात से हैं, तो अंबानी और अडानी पर इस बारे में अपना गुस्सा क्यों निकालें? यह सिर्फ लोगों को गुमराह करने का एक तरीक़ा था।'
इसके साथ ही हार्दिक पटेल ने यह घोषणा की कि उन्होंने कांग्रेस में अपने राजनीतिक जीवन के तीन साल बर्बाद कर दिए। उन्होंने दावा किया कि अगर वह पार्टी के साथ नहीं होते, तो वे गुजरात के लिए बेहतर काम कर सकते थे। न्यूज़ एजेंसी से उन्होंने कहा कि न तो मुझे पार्टी में रहते हुए काम करने का मौका मिला और न ही कांग्रेस ने मुझे कोई काम दिया।
इसके साथ ही पटेल ने आज एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में ज्ञानवापी मसजिद विवाद को लेकर कहा,
“
भारत में कई महादेव भक्त हैं। अगर किसी मसजिद या किसी अन्य जगह से शिवलिंग मिलता है तो वह हमारी आस्थाओं को जोड़ता है। हमें इसका खुलकर स्वागत करना चाहिए। लेकिन हमारे (कांग्रेस) नेता हिंदुओं के पक्ष में फ़ैसलों से दूर चले जाते हैं। यह कांग्रेस को आहत कर रहा है।
हार्दिक पटेल
बता दें कि हार्दिक पटेल ने काफ़ी पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि वह पार्टी से नाराज़ हैं। कल उन्होंने इस्तीफा दे दिया और इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधा।
हार्दिक ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे इस्तीफे के पत्र में कहा है कि उनके जैसे कार्यकर्ता अपने खर्च पर 500-600 किलोमीटर तक की यात्रा करते हैं, लोगों के बीच जाते हैं लेकिन दूसरी ओर देखते हैं कि गुजरात के बड़े नेता जनता के मुद्दों से दूर सिर्फ इस बात पर ध्यान देते हैं कि दिल्ली से आए नेता को उनका चिकन सैंडविच समय पर मिला या नहीं। चिकन सैंडविच वाला यह हमला हार्दिक पटेल ने दिल्ली से आए किस नेता की ओर इशारा करके किया है इसे लेकर भी चर्चा जोरों पर है।
उन्होंने पत्र में आगे कहा था कि कांग्रेस सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित रह गई है जबकि देश के लोगों को विरोध नहीं एक ऐसा विकल्प चाहिए जो उनके भविष्य के बारे में सोचता हो और देश को आगे ले जाने की क्षमता रखता हो।
पटेल के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने उन्हें अवसरवादी करार दिया और आरोप लगाया कि आरक्षण विवाद के दौरान उनके खिलाफ दर्ज पुलिस मामलों को वापस लेने के लिए वह छह साल से भाजपा के संपर्क में हैं।
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