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फ़ोटो साभार: ट्विटर/बॉक्सिंग फेडरेशन

भारत की निकहत ज़रीन का वर्ल्ड बॉक्सिंग में ऐतिहासिक गोल्ड

भारत की निकहत ज़रीन ने महिला बॉक्सिंग विश्व चैंपियनशिप में गुरुवार को गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। वह स्वर्ण पदक जीतने वाली पाँचवीं भारतीय महिला बॉक्सर बन गई हैं।

ज़रीन ने तुर्की के इस्तांबुल में फ्लाईवेट फाइनल में थाईलैंड की जितपोंग जुतामास के ख़िलाफ़ महिला विश्व चैम्पियनशिप में 52 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। इस प्रकार ज़रीन मैरी कॉम, सरिता देवी, जेनी आरएल और लेख केसी के बाद विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली पाँचवीं भारतीय महिला मुक्केबाज बन गईं। 25 साल की ज़रीन पूर्व जूनियर यूथ वर्ल्ड चैंपियन रही हैं। ज़रीन के प्रदर्शन पर बॉक्सिंग फेडरेशन ने ट्वीट कर बधाई दी है।

बॉक्सिंग फेडरेशन ने कहा है, 'इतिहास की किताबों में दर्ज होने के लिए...। निकहत ज़रीन ने अपनी गोल्डन स्ट्रीक (राष्ट्रीय 2021 से) जारी रखी और विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली सिर्फ़ 5️वीं महिला मुक्केबाज़ बनीं। शानदार, विश्व चैंपियन!'

निकहत ने फाइनल में अपने थाई प्रतिद्वंद्वी के ख़िलाफ़ शानदार लड़ाई लड़ी और स्वर्ण पदक अपने नाम किया। जजों ने भारतीय पक्ष में बाउट 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 29-28 का स्कोर बताया। ज़रीन शुरू से ही बेहतरीन फॉर्म में थीं। उन्होंने अपने तकनीकी कौशल का इस्तेमाल किया और अपने प्रतिद्वंद्वी को पछाड़ दिया।

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निकहत पहले दौर में सभी जजों को प्रभावित करने में सफल रहीं। उन्होंने थाई मुक्केबाज की तुलना में कहीं अधिक मुक्के मारे। दूसरा दौर कड़ा था और जितपोंग ने इसे 3-2 से जीत लिया। फाइनल राउंड में अपनी तरफ से सिर्फ एक फ़ैसला अपने पक्ष में करने की ज़रूरत थी। निकहत ने आख़िरकार अपने प्रतिद्वंद्वी को पटकनी दे दी और उन्होंने अपने पक्ष में 5-0 के सर्वसम्मत निर्णय से जीत दर्ज की।

2018 में महान मुक्केबाज मैरी कॉम के जीतने के बाद से निकहत ज़रीन का यह भारत का पहला स्वर्ण पदक है।

देश के गृहमंत्री अमित शाह ने ज़रीन की उपलब्धि पर ट्वीट किया, 'महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के लिए शुभकामनाएं, निकहत ज़रीन। भारत को आपकी उपलब्धि पर गर्व है। आपके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।'

बता दें कि मनीषा (57 किग्रा) और परवीन (63 किग्रा) को सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। भारतीय दल ने दुनिया की सबसे बड़ी मुक्केबाजी प्रतियोगिता में तीन पदक के साथ अपने अभियान का समापन किया। इस प्रतियोगिता में 73 देशों के रिकॉर्ड 310 मुक्केबाजों ने भाग लिया। भाग लेने वाले 12 भारतीय मुक्केबाजों में से आठ ने इस साल के टूर्नामेंट में क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी।
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क़मर वहीद नक़वी
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