लॉकडाउन ने आम लोगों की ही नहीं, सरकारों की भी आर्थिक स्थिति बिगाड़ दी है। राज्य सरकारों की आमदनी इतनी कम हो गई है कि उन्हें अब क़र्ज़ लेना पड़ रहा है। गुजरात सरकार को अपने ख़र्च की ज़रूरतें पूरी करने के लिए इस वित्त वर्ष के दो महीनों में ही 5000 करोड़ रुपये के क़र्ज़ लेने की ज़रूरत आन पड़ी है। यह क़र्ज़ उन रुपयों से अलग है जो केंद्र सरकार से अनुदान के रूप में ख़र्च करने को मिलते हैं।
लॉकडाउन से गुजरात का बजट बिगड़ा, दो माह में लिया 5000 करोड़ का क़र्ज़
- गुजरात
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- सत्य ब्यूरो
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- 31 May, 2020
लॉकडाउन ने आम लोगों ही नहीं, सरकारों की भी आर्थिक स्थिति बिगाड़ दी है। राज्य सरकारों की आमदनी इतनी कम हो गई है कि उन्हें अब क़र्ज़ लेना पड़ रहा है।

कोरोना संक्रमण के कारण 25 मार्च से ही पूरे देश भर में लॉकडाउन है और इसके बाद अब तक इसे लगातार चार बार बढ़ाया जा चुका है। एक जून से लॉकडाउन 5.0 शुरू होकर 30 जून तक रहेगा। हालाँकि, रेड ज़ोन और कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर अब आर्थिक गतिविधियों को खोलने की छूट दी जा रही है, लेकिन अब तक क़रीब 65 दिन तक रहे लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियाँ पूरी तरह चौपट हो गई हैं। और इसका असर राज्य को मिलने वाले करों पर पड़ा है। राज्यों की मुख्य आमदनी करों से ही होती है।
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