गुजरात चुनाव में बीजेपी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इसने 156 सीटें जीतीं। इससे पहले इतनी सीटें किसी भी पार्टी ने नहीं जीती थीं। आख़िर, ऐसी जीत कैसे मिली? किस-किस क्षेत्र में बीजेपी को इतने ज़्यादा वोट मिले? इसने शहरों में अच्छा प्रदर्शन किया या फिर ग्रामीण क्षेत्रों में? अगड़ी जातियों में पैठ रखने के लिए जानी जाती बीजेपी का आख़िर एससी और एसटी सीटों पर कैसा प्रदर्शन रहा?
यह जानकर आप चौंक जाएँगे कि बीजेपी ने हर क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया। अगड़ी जातियों की बहुलता वाली सीटों की तो बात ही छोड़िए, पिछड़ी जातियों की बहुलता वाली सीटों पर भी इसकी जीत अप्रत्याशित रूप से दिखती है। जैसा प्रदर्शन सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में रहा वैसा ही दक्षिण, उत्तर और सेंट्रल क्षेत्र में भी रहा। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इसने सीटें उसी अनुपात में जीतीं।
चुनाव नतीजों के आँकड़ों के विश्लेषण से पहले यह जान लें कि आख़िर गुजरात में चुनाव के परिणाम क्या रहे। 182 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी ने 156 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 17, आम आदमी पार्टी ने 5, समाजवादी पार्टी ने एक और निर्दलीयों ने 3 सीटें जीतीं।
बीजेपी ने इस चुनाव में सबसे ज़्यादा 52.50 फ़ीसदी वोट पाए। इसके बाद कांग्रेस को 27.28 फीसदी वोट मिले। आप को 12.92 फ़ीसदी वोट मिले। बाक़ी अन्य को। अब यदि इन आँकड़ों को क्षेत्रवार और वर्गवार देखा जाए तो बेहद रोचक तसवीर दिखती है।
क्षेत्रवार दलों का प्रदर्शन
गुजरात को चुनावी विश्लेषण के लिहाज से आमतौर पर सौराष्ट्र-कच्छ, दक्षिण, उत्तर और सेंट्रल क्षेत्र के तौर पर देखा जाता है।
सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में कुल 54 सीटें हैं। इनमें से 46 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है। बाक़ी की तीन सीटों पर कांग्रेस, 4 पर आप और एक पर अन्य का कब्जा हुआ है। बीजेपी को 49.2, कांग्रेस को 26.6 और आप को 17.8 फ़ीसदी वोट मिले हैं। जबकि 2017 के चुनाव में बीजेपी को यहाँ 23 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 30 व अन्य को एक।
दक्षिण क्षेत्र में कुल 35 सीटें हैं। इनमें से 33 में बीजेपी का कब्जा हुआ है। एक-एक सीट कांग्रेस और आप के खाते में गई है। बीजेपी को 56 फ़ीसदी, कांग्रेस को 21 और आप को 17.5 फ़ीसदी वोट मिले हैं। 2017 के चुनाव में बीजेपी को 25, कांग्रेस को 8 व अन्य को 2 सीटें मिली थीं।
शहरों में कौन कहाँ जीता
शहरों के हिसाब से देखा जाए तो कुल 44 सीटें आती हैं। इनमें से अहमदाबाद की 16 और गांधीनगर की 2 सीटों यानी कुल 18 में से 16 बीजेपी ने जीतीं, जबकि सिर्फ़ 2 कांग्रेस को मिलीं। सूरत की कुल 10 सीटों में से सभी 10 पर बीजेपी का कब्जा हुआ। राजकोट की 4 और जामनगर व भावनगर की 3-3 सीटों को बीजेपी ने जीता। वडोदरा की छह सीटों में से पाँच पर बीजेपी का तो एक पर अन्य का कब्जा हुआ।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में कैसा प्रदर्शन
अब यदि गुजरात की कुल 182 सीटों को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बाँटें तो 92 सीटें ग्रामीण, 45 सीटें शहरी और बाक़ी 45 सीटें अर्द्धग्रामीण-अर्द्धशहरी कही जा सकती हैं।
ग्रामीण क्षेत्र की कुल 92 सीटों में से बीजेपी ने 75 पर कब्जा जमाया जबकि 11 पर कांग्रेस, 3 पर आप और 3 पर अन्य ने जीत दर्ज की। बीजेपी ने कुल 47.7 फीसदी, कांग्रेस ने 29.6 फीसदी और आप ने 13.8 फीसदी वोट हासिल किए। 2017 में ग्रामीण क्षेत्रों में बीजेपी ने 40 और कांग्रेस ने 52 सीटें जीती थीं।
एससी और एसटी सीटें
एसटी की कुल 27 सीटों में से 23 बीजेपी ने जीतीं। 3 कांग्रेस ने व एक आप ने जीती। बीजेपी को यहाँ 45.1 फीसदी वोट मिले जबकि कांग्रेस को 24.9 व आप को 22 फीसदी वोट मिले। 2017 में यहाँ बीजेपी को 9 और कांग्रेस को 15 सीटें मिली थीं।
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