गोमूत्र से कोई फ़ायदा होता है या नहीं, इसकी वैज्ञानिक पुष्टि भले ही नहीं हुई हो, लेकिन कोरोना वायरस के फैलने के बाद गुजरात में गोमूत्र की माँग काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई है। ऐसी रिपोर्टें हैं कि हर रोज़ हज़ारों लीटर की बिक्री हो रही है। इसका इस्तेमाल पीने के लिए ही नहीं किया जा रहा है, बल्कि शरीर पर स्प्रे करने और सैनिटाइज़र के रूप में हाथ धोने के लिए भी।
कोरोना का डर: गुजरात में हर रोज़ बिक रहे हैं हज़ारों लीटर गोमूत्र
- गुजरात
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- 5 Apr, 2020
गोमूत्र से कोई फ़ायदा होता है या नहीं, इसकी वैज्ञानिक पुष्टि भले ही नहीं हुई हो, लेकिन कोरोना वायरस के फैलने के बाद गुजरात में गोमूत्र की माँग काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई है। ऐसी रिपोर्टें हैं कि हर रोज़ हज़ारों लीटर की बिक्री हो रही है।

गुजरात के बारे में यह रिपोर्ट चौंकाने वाली इसलिए है कि हाल ही में जब कोरोना वायरस ने भारत में पैर पसारना शुरू किया था तब इस गोमूत्र पर काफ़ी विवाद हुआ था और यह देश भर में सुर्खियाँ बना था। कोलकाता में गोमूत्र पीने के बाद एक शख्स बीमार पड़ गया था और उसकी शिकायत पर गोमूत्र पिलाने का सामूहिक आयोजन करने वाले बीजेपी कार्यकर्ता को 17 मार्च को गिरफ़्तार किया गया था। तब दिल्ली में भी एक समूह ने गोमूत्र पिलाने का ऐसा ही आयोजन किया था, लेकिन विवाद बढ़ने के बाद फिर ऐसे मामले नहीं आए। हालाँकि इस विवाद में यह बात तो निकलकर आयी ही थी कि गोमूत्र के फ़ायदे की अब तक कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है।