लोग मेरे बारें में प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से कहते रहते हैं कि मैं हिंदू आस्थाओं पर आघात करता रहता हूँ, अन्य धर्मों, ख़ासकर इसलाम की या तो पक्षधरता करता हूँ या डर से उनपर कलम उठाने की हिम्मत नहीं करता। वैसे तो सफ़ाई देने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ बातें स्पष्ट करना चाहता हूँ।
'मैं कर्मकांडी ब्राह्मण परिवार में पैदा हुआ, धर्मांन्धता पर आघात करता हूँ'
- विचार
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- 5 Apr, 2020

यह आरोप कि मैं हिंदू आस्था पर आघात करता हूँ तथा बाकी धर्मों की या तो पक्षधरता करता हूँ, बिल्कुल आधारहीन है। मैं आस्था पर नहीं, धर्मांधता और सांप्रदायिकता पर आघात करता हूँ क्योंकि दोनों ही समाज और मानवता के लिए घातक हैं। यह कहना है लेखक ईश मिश्र का। इस लेख में पढ़ें उनके विचार।