आम आदमी पार्टी (आप) गुजरात के सूरत नगर निगम के चुनाव में अपने प्रदर्शन से उत्साहित है। 120 सीटों वाले सूरत नगर निगम में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है जबकि बीजेपी को 93 और आप को 27 सीटें मिली हैं। आप ने सूरत में अपनी जीत को इस तरह दिखाया है कि गुजरात में अब वह कांग्रेस का विकल्प बनने जा रही है।
पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल 26 फ़रवरी को ख़ुद सूरत पहुंचे और रोड शो किया। रोड शो में उमड़ी भीड़ से केजरीवाल और पूरी पार्टी गदगद दिखाई दी। लेकिन गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कुछ आंकड़े देकर आप पर तंज कसा तो केजरीवाल ने भी पलटकर उन्हें जवाब दिया।
पाटिल ने ट्वीट कर कहा कि केजरीवाल रोड शो कर रहे हैं लेकिन वे यह नहीं बता रहे हैं कि बड़ी संख्या में आप के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है।
पाटिल ने कहा, “केजरीवाल ने सूरत में मिली जीत के बारे में बताया लेकिन यह नहीं बताया कि सूरत में ही उनके 59 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है। वडोदरा, अहमदाबाद और भावनगर में उनके हर एक उम्मीदवार की जमानत जब्त हुई है। जामनगर में उनके 48 में से 44 और राजकोट में 72 में 69 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है।”
पाटिल ने एक और ट्वीट में आप पर तंज कसा और कहा कि गुजरात नगर निगम चुनाव में आप का प्रदर्शन तीन शहरों में 100 फ़ीसदी, दो शहरों में 90 फ़ीसदी से ज़्यादा और 1 शहर में 50 फ़ीसदी से ज़्यादा रहा है लेकिन ये सीटें जीती नहीं गई हैं, बल्कि इन पर ज़मानत ज़ब्त हुई है। उन्होंने खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि इसकी ख़ुशी मनाने के लिए ही केजरीवाल रोड शो निकाल रहे हैं।
इसके बाद केजरीवाल ने मोर्चा संभाला और ट्वीट कर उन्हें जवाब दिया। केजरीवाल ने कहा कि गुजरात में हर कोई आम आदमी पार्टी के बारे में बात कर रहा है और पाटिल लोगों की ताक़त को कम करने न आंकें।
People of Gujarat are celebrating it. People of Surat celebrated it today. Everyone in Gujarat is talking abt AAP.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 26, 2021
Kindly do not underestimate the power of people. https://t.co/N40PrGlu2E
2022 चुनाव पर है नज़र
केजरीवाल की नज़र 2022 के विधानसभा चुनाव पर है। गुजरात में कांग्रेस के विधायकों में जिस तरह की भगदड़ मची हुई है और सूरत में कांग्रेस को शून्य और ख़ुद को 27 सीटें मिलने के बाद आप को लगता है कि वह यहां कांग्रेस का विकल्प बन सकती है। लेकिन यह बेहद मुश्किल है क्योंकि कांग्रेस का राज्य में मजबूत संगठन है और वह लंबे वक़्त तक वहां सत्ता में भी रही है।
आप ने 2017 के दिसंबर में गुजरात में 30 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन अधिकतर सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी और कुछ उम्मीदवारों को 100 से भी कम वोट मिले थे। ऐसे में आप एक बार फिर जोर लगा रही है और यहां कांग्रेस को पीछे छोड़कर मुख्य विपक्षी दल बनना चाहती है।
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