29 जनवरी को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पंजाब के पेरों गाँव के 43 वर्षीय किसान जसमिंदर सिंह गीली आँखों से मेरी तरफ़ झाँकते हैं और कहते हैं, ‘सरकार को क्या लगता है... कि वह हमें जेल में डालकर हमारे हौसले तोड़ देगी। वह बड़ी ग़लतफ़हमी में है। शायद उसने हमारा इतिहास नहीं पढ़ा। हम तब तक वापस नहीं हटेंगे, जब तक यह तीनों कृषि क़ानून वापस नहीं हो जाते।’
जानिए, मनदीप को किसानों ने क्या आपबीती बताई
- एक्सक्लूसिव
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- 29 Mar, 2025

दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग करने के दौरान गिरफ़्तार किए गए पत्रकार मनदीप पूनिया को ज़मानत मिल गई है। जेल में उनका कैसा रहा अनुभव, उनकी ही कलम से लिखी दास्तां पढ़िए।
इस ग़ुस्से भरी आवाज़ के शांत होने के बाद तिहाड़ जेल के छोटी सी चक्की (कमरा) में लगे रोशनदान से आ रही रोशनी को जसमिंदर एकटक देखने लगते हैं। एक लंबी शांति के बाद वह कहते हैं, ‘29 जनवरी को हम कई किसान नरेला मार्किट से सामान लाने गए थे। जब वापस आ रहे थे तो पुलिस ने हम निहत्थों पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया।’