यह बर्फ़ की नदी या तालाब नहीं है। यह है दिल्ली की यमुना नदी। बर्फ़ सी दिखने वाली यह चीज जहरीला झाग है। दिवाली के वक़्त से पिछले कई दिनों से हवा में जहर घुला दिख रहा था, अब पानी में जहर घुला दिख रहा है। इसी नदी के जहरीले पानी में हज़ारों व्रतधारी छठ पूजा करेंगे। यमुना का पानी फिल्टर कर पीने के लिए भी इस्तेमाल होता है। दिल्ली को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के दावे करने वाले न तो हवा में और न ही पानी में जहर को कम कर पाए। ताज़ा तसवीरों के सामने आने के बाद से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल निशाने पर हैं। सवाल उठ रहे हैं कि यमुना की सफ़ाई के उनके दावे कहां गए?
ये यमुना नदी है... इसी जहरीले पानी में छठ पूजा होगी, इसी को पिएँगे भी!
- दिल्ली
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- 8 Nov, 2021
क्या यमुना नदी की हालत कभी सुधर पाएगी? चुनाव से पहले नारे भले ही चमकती यमुना के सपने दिखाते हों, लेकिन क्या वजह है कि जहरीले झाग भी दूर नहीं हो सके हैं?

वर्षों से यमुना में ऐसा ही नज़ारा दिखता रहा है। न तो हर चुनाव में इसे मुद्दा बनाने वाले नेता ठीक कर पाए और न ही पर्यावरण संरक्षण का अंतरराष्ट्रीय दबाव इस हालात को सुधरवा सका। हर वर्ष दुनिया भर के देशों के बीच पर्यावरण संरक्षण के लिए वार्ता व समझौते होते हैं जिसमें से एक में शामिल होकर प्रधानमंत्री अभी पिछले हफ़्ते ही लौटे हैं। नदियों को साफ़-सुथरा करने का दम कितना भी भरा जाए, लेकिन यमुना नदी की यह तसवीर उन दावों की पोल खोलती है।