जेएनयू में छात्र संगठनों के बीच हुई मारपीट के मामले में एबीवीपी के बाद अब जेएनयू छात्र संघ का पक्ष आया है। जेएनयू छात्र संघ ने कहा है कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने उन पर रॉड से हमला किया जिसमें छात्र और 2 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
जेएनयू छात्रसंघ की ओर से यह भी कहा गया है कि पुलिस को हिंसा होने की आशंका के बारे में सूचित किया गया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
दूसरी ओर, एबीवीपी ने सोमवार को कहा है कि उनके संगठन को नॉन वेज खाने को लेकर कोई आपत्ति नहीं है और रविवार को कॉलेज के हॉस्टल में रखी गई रामनवमी की पूजा को ना होने देने की साजिश रची गई थी।
जेएनयू में हुई हिंसा में घायल हुए एबीवीपी के सदस्यों की ओर से दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत में कहा गया है कि संगठन के तीन कार्यकर्ताओं पर कावेरी हॉस्पिटल के लॉन से निकलते समय रात को 8 बजे हमला किया गया।
जेएनयू छात्र संघ ने कहा है कि जब यह हिंसा हुई उस वक्त उन्हें पुलिस के सामने धमकाया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
जेएनयू प्रशासन का बयान
इस मामले में जेएनयू प्रशासन का भी बयान आया है। विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि छात्र ऐसी किसी भी गतिविधि से दूर रहें जिससे कैंपस का माहौल खराब होता हो। जेएनयू की कुलपति ने कहा है कि कैंपस में किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।रविवार रात को छात्र संगठनों के बीच हुई इस हिंसक झड़प में 16 छात्र घायल हुए हैं। घायल हुए छात्र जेएनयू छात्र संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के हैं। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
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