घरवालों की मर्जी के ख़िलाफ़ शादी करने वाले विवाहित जोड़े को गोली मार दी गई। हैरान करने वाली बात यह है कि ये घटना देश की राष्ट्रीय राजधानी में हुई है और विवाहित जोड़े ने हाई कोर्ट से सुरक्षा भी मांगी थी। घटना द्वारका के अमराई गांव में हुई है।
पुलिस ने कहा है कि गुरूवार को छह-सात लोग इस विवाहित जोड़े के घर में घुस गए और 10 राउंड गोलियां चलाईं। इसमें 24 साल के विनय दहिया की मौत हो गई जबकि 19 साल की उसकी पत्नी किरण की हालत गंभीर है। विनय टैक्सी चलाता था।
आस-पास के लोग जब वहां पहुंचे तो विनय की लाश रोड पर पड़ी थी और किरण बिल्डिंग की छत पर जख़्मी हालत में थी। वे दोनों तीन-चार दिन पहले ही यहां के एक नए घर में आए थे।
ताबड़तोड़ फ़ायरिंग
लोगों ने कहा कि विनय और किरण ने बचने की कोशिश की लेकिन हत्यारे उन पर पांच मिनट तक फ़ायरिंग करते रहे। पुलिस ने कहा है कि विनय को चार गोलियां जबकि किरण को पांच गोलियां मारी गई हैं। हमले के बाद पुलिस ने किरण के परिजनों को हिरासत में ले लिया है।
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 19 अगस्त, 2020 को दिए अपने फ़ैसले में सोनीपत के पुलिस अधीक्षक से कहा था कि वे इस मामले में विवाहित जोड़े की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच कर सच का पता लगाएं।
दोनों ने पिछले साल 13 अगस्त को शादी की थी। किरण की मां ने उसी दिन सोनीपत के खरखौदा पुलिस थाने में अपनी बेटी के अपहरण की एफ़आईआर दर्ज कराई थी।
नहीं दी गई थी सुरक्षा
विवाहित जोड़े के वकील अभिमन्यु कलसी ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि किरण के परिवार वाले इस शादी के ख़िलाफ़ थे और उन्हें जान से मारने की धमकियां दे रहे थे।
कलसी ने कहा कि विवाहित जोड़े को किसी तरह की सुरक्षा नहीं दी गई थी। इस मामले में किरण के परिवार वालों ने विनय के ख़िलाफ़ एफ़आईआर भी दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि जब विनय ने उनकी बेटी से शादी की तो वह नाबालिग थी।
जान गंवाने को मजबूर
अंतरजातीय या अंतरधार्मिक विवाहों का भारतीय समाज में अभी भी जबरदस्त विरोध होता है। ये विरोध इतना ज़्यादा है कि परिजन ऑनर किलिंग पर उतर आते हैं और कई राज्यों में इसे लेकर क़ानून तक बना दिए गए हैं। सड़-गल चुकी या पुरानी रवायतों को मानने से इनकार करने वाले युवा जोड़ों को इसका खामियाजा इसी तरह उठाना पड़ता है और कई बार अपनी जान भी गंवानी पड़ती है।
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