हवाला के आरोप में जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को कथित वीआईपी सुविधा देने के आरोप में तिहाड़ जेल के सुपरिटेंडेंट अजीत कुमार को सोमवार को निलंबित कर दिया गया। हालांकि यह कार्रवाई जल्दबाजी में की गई कार्रवाई बताई जा रही है। करीब एक हफ्ता पहले यह आरोप लगा था और आननफानन में जांच करके एलजी ने अपना फैसला भी सुना दिया।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा गठित जांच समिति की सिफारिश पर यह कार्रवाई की गई। जेल में बंद ठगी के आरोपी चर्चित सुकेश चंद्रशेखर ने जेल नंबर 7 के सुपरिटेंडेंट पर आरोप लगाया था, वो सत्येंद्र जैन को सभी वीआईपी सुविधाएं दे रहे हैं। वो मंत्री का पक्ष लेते हैं। इस कथित ठग के आरोपों पर उपराज्यपाल ने जांच का आदेश दे दिया। दिल्ली सरकार के जेल विभाग ने कहा, "पहली नजर में तिहाड़ जेल के सुपरिटेंडेंट को अनियमितताएं करते पाया गया है। जिसकी विस्तृत जांच की जानी चाहिए।
कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर ने आरोप लगाया था कि उसे सत्येंद्र जैन को "सुरक्षा राशि" के रूप में 10 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया था। हालांकि इस हैरतअंगेज दावे को आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने खारिज कर दिया था। सुकेश चंद्रशेखर उद्योगपतियों और मशहूर हस्तियों से पैसे ऐंठने के आरोप में 2017 से जेल में हैं। इस मामले में बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नाण्डीज भी विवादों में आ चुकी हैं।
इस मामले में यह तथ्य महत्वपूर्ण है कि सुकेश चंद्रशेखर जेल से सत्येंद्र जैन, केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को टारगेट करते हुए हाथ से चिट्ठियां लिख रहा था। उसे मीडिया को पहले लीक कराया जाता था और फिर तुरंत बीजेपी उस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करक उन्हीं आरोपों को दोहराती थी। इस पर केजरीवाल ने बीजेपी को सलाह दी थी कि वो सुकेश चंद्रशेखर को बीजेपी में शामिल कर सम्मानित करे।
सत्येंद्र जैन पर क्या हैं आरोप
सत्येंद्र जैन दिल्ली के सीएम और आप प्रमुख अरविन्द केजरीवाल के खास लोगों में हैं। वो काफी समय से जेल में हैं लेकिन बतौर मंत्री उनका इस्तीफा केजरीवाल ने कभी नहीं मांगा। सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई और ईडी दोनों में केस चल रहे हैं।
ईडी का कहना है कि 2015-16 की अवधि में जब सत्येंद्र कुमार जैन एक लोक सेवक थे, उनके द्वारा कुछ कंपनियों को रुपये भेजने की एंट्री मिली है। हवाला के जरिए कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटर्स को ट्रांसफर किए गए कैश के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ निकाले गए। ईडी के मुताबिक इन राशियों का उपयोग जमीन की सीधी खरीद या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद में किया गया।
उधर, सीबीआई ने जांच के बाद कहा था कि सत्येंद्र जैन चार कंपनियों को मिले धन के स्रोत के बारे में नहीं बता सके, जिसमें वह एक शेयरधारक थे। एजेंसी ने उनके, उनकी पत्नी और चार अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया था।
एजेंसी ने कहा था कि 2015-16 में प्रयास इंफो सॉल्यूशंस, अकिंचन डेवलपर्स, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स और इंडो-मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से कथित तौर पर 4.63 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। जैन और उनकी पत्नी इस अवधि के दौरान इन कंपनियों में कथित तौर पर एक तिहाई शेयर धारक थे।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि जैन का इन कंपनियों पर या तो एक निदेशक के रूप में नियंत्रण था और इन कंपनियों के एक तिहाई शेयर अपने नाम पर या अपने परिवार के सदस्यों या अन्य लोगों के नाम पर रखते थे। जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया था कि ये मुखौटा कंपनियां हैं जिनका इस्तेमाल कोलकाता की मुखौटा कंपनियों की मिलीभगत से इक्विटी शेयरों में निवेश के रूप में पैसा जमा करने के लिए किया जाता है।
सीबीआई ने कहा था, लोक सेवक बनने से पहले, जैन इन कंपनियों के साथ-साथ नई दिल्ली में स्थित अन्य फर्मों के माध्यम से 2010-12 के दौरान कथित तौर पर 11.78 करोड़ रुपये के मनी लान्ड्रिंग में शामिल थे।
सीबीआई सूत्रों ने कहा था कि धन का कथित तौर पर 2010 और 2016 के बीच दिल्ली के औचंडी, बवाना, कराला और मोहम्मद मजवी गांवों में 200 बीघा जमीन खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
हालांकि आप ने सीबीआई के आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि शैल कंपनियों और बेनामी भूमि सौदों में जैन की संलिप्तता की खबरें "निराधार" हैं।
गिरफ्तारी से पहले ही आम आदमी पार्टी ने उन्हें हिमाचल का प्रभारी बना दिया था। आप ने यह भी कहा कि चूंकि बीजेपी हिमाचल में हार रही है तो वो सत्येंद्र जैन पर कार्रवाई कर रही है। हालांकि इसके बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर भी सीबीआई और ईडी ने कार्रवाई शुरू कर दी। दिल्ली की आप सरकार कई आरोपों में घिर गई है।
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