आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत अर्जी को विशेष सीबीआई जज विकास ढुल ने ठुकरा दिया। जैन हवाला मामले में इस समय जेल में हैं।
पीटीआई के मुताबिक बुधवार को विशेष जज विकास ढुल ऑर्डर जारी करने वाले थे, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मामले को स्थगित कर दिया कि आदेश तैयार नहीं था। अदालत से सत्येंद्र जैन की जमानत देने का आग्रह किया गया था। अदालत में जैन के वकील ने कहा कि सत्येंद्र जैन को और अधिक हिरासत में रखने से कोई मकद पूरा नहीं होगा। लेकिन अदालत ने गुरुवार को सुनाए गए फैसले में सारे तर्कों को खारिज कर दिया। सरकारी वकील ने कहा था कि अगर सत्येंद्र जैन जमानत पर बाहर आए तो वो अपने रसूख से सबूतों को प्रभावित कर सकते हैं।
जज ने सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन सहित आरोपियों के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रखा था। गुरुवार को फैसला आने के बाद बीजेपी के शहनाज पूनावाला ने सीएम अरविन्द केजरीवाल से मांग की कि जैन को मंत्री पद से फौरन बर्खास्त किया जाए। शहनाज पूनावाला ने कहा कि अदालत सत्येंद्र जैन को कट्टर बेईमान मानती है। जबकि केजरीवाल उन्हें कट्टर ईमानदार मानते हैं। यहां बताते चलें कि कोर्ट ने सत्येंद्र जैन के बारे में ऐसी टिप्पणी कभी नहीं की, जैसा शहजाद पूनावाला ने कहा है। मामला अभी कोर्ट में चल रहा है और सत्येंद्र जैन सिर्फ आरोपी हैं।
आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने मई में सत्येंद्र जैन को अप्रैल में गिरफ्तार किया था। उन पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत निजी फर्मों के स्वामित्व वाली 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क करने के बाद अप्रैल में जैन को गिरफ्तार किया गया था।
चार्जशीट में कहा गया है कि दिल्ली की आप सरकार में मंत्री के पद पर रहते हुए सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी से 31 मई, 2017 के दौरान अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की थी।
हाल ही में, अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन, उनकी पत्नी और चार फर्मों सहित आठ अन्य के खिलाफ ईडी द्वारा दायर शिकायत (चार्जशीट) का भी संज्ञान लिया।
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