दिल्ली तीन दिन तक दंगों में जली। दंगाइयों ने कोई कसर नहीं रखी कि वे कुछ भी छोड़ दें। उन्होंने घर, दुकान, मकान, जो कुछ जला सकते थे, सब जला दिये। दंगाइयों के अंदर भरे ज़हर से बच्चों के स्कूल तक नहीं बच सके। अंग्रेजी अख़बार ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ ने दंगा ग्रस्त इलाक़े बृजपुरी के कुछ बच्चों से बातचीत की है। कई बच्चे ऐसे हैं जो दंगों के चश्मदीद बने हैं।