कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के चलते भारत में भी कुछ नियमों में तब्दीली की गई है, इस वजह से शुक्रवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कोरोना वायरस की टेस्टिंग और आइसोलेशन से जुड़े इन नियमों में दिल्ली सरकार की ओर से अंत समय में बदलाव किया गया।
कोरोना के इस नए स्ट्रेन के चलते भारत सरकार ने ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा भी कई देशों ने ऐसा ही क़दम उठाया था। भारत में यह रोक 7 जनवरी तक थी। केजरीवाल ने केंद्र सरकार से अपील की थी कि वह ब्रिटेन से आने वाली फ़्लाइट्स पर 31 जनवरी तक रोक लगा दें लेकिन सरकार ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
इसके बाद केजरीवाल ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि उनकी सरकार ने दिल्लीवासियों को कोरोना से बचाने के लिए कुछ अहम क़दम उठाए हैं। दिल्ली सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिफ़िकेशन में कहा गया है कि ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों को 7 दिन के संस्थागत क्वारंटीन में रहना होगा चाहे उनका कोविड टेस्ट नेगेटिव ही आया हो।
7 दिन के संस्थागत क्वारंटीन के बाद 7 दिन के होम आइसोलेशन के नियम का भी पालन ब्रिटेन से आने वाले लोगों को करना होगा। कोरोना का टेस्ट पॉजिटिव आने पर 14 दिन का संस्थागत क्वारंटीन ज़रूरी होगा।
वीडियो चर्चा में देखिए, कोवैक्सीन को लेकर विवाद क्यों?
शुक्रवार शाम को 6 बजे दिल्ली एयरपोर्ट के ट्विटर हैंडल से इन नए नियमों के बारे में बताया गया। ब्रिटेन से लौटे लोगों ने शिकायत की कि उन्हें इन नियमों के बारे में पता ही नहीं था।
कई लोगों ने ट्विटर पर इसकी शिकायत की और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विमानन मंत्री हरदीप पुरी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को टैग किया। एक यात्री सौरव दत्ता ने एनडीटीवी को बताया कि वे लॉन्ज के अंदर हैं और बाहर सिक्योरिटी गार्ड्स खड़े हैं। उन्होंने कहा कि होटल वाले इस मौक़े का फ़ायदा उठा रहे हैं और उन्हें क्वारंटीन होने के लिए ऑफ़र दे रहे हैं। दत्ता ने कहा कि जब उन्होंने फ्लाइट पकड़ी तब ऐसे कोई नियम नहीं आए थे।
दत्ता ने कहा कि उन्हें आरटी पीसीआर टेस्ट के लिए 20 हज़ार रुपये देने पड़े। इसी तरह कुछ और लोगों ने भी अपनी शिकायतों को साझा किया। जिन लोगों के साथ छोटे बच्चे थे, उन्हें खासी परेशानी हुई।
@HardeepSPuri Just came from London AI112, it’s absolutely maniac at Delhi Airport.
— Harprit Takkar (@HarpritTakkar) January 8, 2021
Asking us to go for institutional quarantine even with Negative PCR test.
Didn’t mention this on your SOP.@airindiain pic.twitter.com/B13HcbgVaG
अब तक डेनमार्क, नीदरलैंड, आस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी कोरोना के इस नए स्ट्रेन के मामले आ चुके हैं। दक्षिण अफ्रीका में भी इसके संक्रमण के मामले सामने आए हैं। इसे देखते हुए भारत सरकार भी ज़रूरी तैयारियां कर रही है।
बेहद ख़तरनाक
ब्रिटेन से फैला कोरोना का नया स्ट्रेन कितना ख़तरनाक है, इसका अंदाजा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की चिंता से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि कोरोना का यह नया स्ट्रेन पहले वाले से 70 फ़ीसदी अधिक तेज़ी से फैलता है। इस हिसाब से यह पहले से कहीं ज़्यादा ख़तरनाक साबित हो सकता है। यही कारण है कि वैक्सीन आने के बाद भी कोरोना के इस नए स्ट्रेन से लोग ज़्यादा खौफ़जदा हैं।
कुछ दिनों में मिलेगी वैक्सीन: हर्षवर्धन
ब्रिटेन से फैले कोरोना के नये स्ट्रेन के डर के बीच राहत की बात यह है कि भारत में अगले कुछ दिनों में ही कोरोना की वैक्सीन मिलने लगेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने दोहराया कि सबसे पहले फ़्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
तीन जनवरी को ही ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया यानी डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया और भारत बायोटेक के टीके को मंजूरी दी थी। हालाँकि, भारत बायोटेक की को वैक्सीन को 'क्लिनिकल ट्रायल मोड' में ही अनुमति दी गई है और कहा जा रहा है कि फ़िलहाल इसको बैक-अप के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री शुक्रवार को चेन्नई के सरकारी अस्पताल में कोरोना वायरस टीकाकरण अभ्यास के दूसरे 'ड्राई रन' की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'कम समय में भारत ने टीकों को विकसित करके अच्छा काम किया है...निकट भविष्य में अगले कुछ दिनों में हम अपने देशवासियों को ये टीके देने में सक्षम होंगे। यह हमारे हेल्थकेयर पेशेवर को लगेंगे, जिसके बाद फ्रंटलाइन कर्मियों को ये टीके लगाये जाएंगे।'
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