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राहुल ने किस आधार पर कहा- 'मोदी और केजरीवाल में कोई फर्क नहीं'?

राहुल गांधी की नज़र में प्रधानमंत्री मोदी और अरविंद केजरीवाल एक जैसे हैं? यदि ऐसा है तो किन मामलों में? राहुल गांधी ने जब कांग्रेस का प्रचार करने के लिए सोमवार को दिल्ली में पहली रैली की तो उनके निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ-साथ अरविंद केजरीवाल भी रहे। उन्होंने कई मुद्दों पर दोनों नेताओं को एक जैसा बताया। उन्होंने कहा, 'जैसे मोदी जी एक के बाद एक झूठे वादे और प्रचार करते हैं, वही रणनीति केजरीवाल जी की भी है - कोई फर्क नहीं है!'

राहुल गांधी ने सीलमपुर में हुई रैली में संविधान और जाति जनगणना की बात पूरे भाषण में सबसे अधिक की। उन्होंने कहा, 'जब मैं जातिगत जनगणना की बात करता हूं, तो नरेंद्र मोदी जी और केजरीवाल जी के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों चाहते हैं, देश में पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और माइनॉरिटीज को भागीदारी न मिले।'

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राहुल ने आगे कहा, 'मैंने नरेंद्र मोदी जी से कह दिया है- आप करें या न करें, लेकिन जिस दिन कांग्रेस की सरकार आएगी, हम आरक्षण को 50% की सीमा से बढ़ा देंगे, जातिगत जनगणना को लोक सभा और राज्य सभा में पास करके दिखाएंगे।'

कांग्रेस नेता ने कहा, 'केजरीवाल जी आए और कहा कि दिल्ली साफ कर दूंगा, भ्रष्टाचार मिटा दूंगा, पेरिस बना दूंगा। अब हालात ऐसे हैं कि भयानक प्रदूषण है। लोग बीमार रहते हैं। लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। जैसे मोदी जी झूठे वादे और प्रचार करते हैं, वैसे ही झूठे वादे केजरीवाल करते हैं। इन दोनों में कोई फर्क नहीं है।'

वैसे, जिस अरविंद केजरीवाल पर राहुल गांधी हमला कर रहे हैं उसी केजरीवाल की पार्टी इंडिया गठबंधन में भागीदार है। लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियाँ एक दूसरे के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ रही हैं। वैसे, आप और कांग्रेस के बीच शुरू से ही प्रतिस्पर्धा रही है। केजरीवाल पूर्व सीएम शीला दीक्षित पर हमला कर ही दिल्ली की राजनीति में आए थे।
इस चुनाव में जैसे ही साफ़ हो गया कि कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन नहीं हो रहा है तो कांग्रेस ने भी सख़्त रुख अख्तियार किया। कांग्रेस ने केजरीवाल का गढ़ मानी जाने वाली नई दिल्ली सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को उतार दिया।

शीला दीक्षित फ़ैक्टर?

केजरीवाल पहले से ही नई दिल्ली से ही चुनाव लड़ते रहे हैं। दिल्ली में संदीप दीक्षित कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते हैं। संदीप पूर्वी दिल्ली से पूर्व सांसद भी रह चुके हैं। अरविंद केजरीवाल संदीप दीक्षित की माँ शीला दीक्षित को बेदखल कर सत्ता में आए थे। 

केजरीवाल पहले शीला दीक्षित को बेईमान बताते थे। 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के पहले दिल्ली की सड़कों पर तमाम ऐसे ऑटोरिक्शा घूम रहे थे जिनके पीछे दो तस्वीरें छपी रहती थीं। एक तरफ़ केजरीवाल की और दूसरी तरफ़ 1998 से दिल्ली की मुख्यमंत्री पद संभाल रहीं शीला दीक्षित की। केजरीवाल की तस्वीर के ऊपर लिखा रहता था ‘ईमानदार’ और शीला दीक्षित के ऊपर ‘बेईमान।‘ भ्रष्टाचार विरोध के नाम पर हुए अन्ना आंदोलन के बैकग्राउंड मे हुए इस चुनाव में कांग्रेस हार गयी, लेकिन कुछ दिन बाद ही एक आरटीआई के जवाब में केजरीवाल सरकार ने मान लिया था कि शीला दीक्षित के ऊपर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है।

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बहरहाल, इस दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप, बीजेपी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुक़ाबला हो रहा है। इसी के मद्देनज़र राहुल गांधी की सीलमपुर में रैली हुई और उन्होंने केजरीवाल पर भी निशाना साधा। राहुल ने कहा, 'केजरीवाल जी से कहिए कि वो देश के सामने कहें- आरक्षण की सीमा बढ़ाएंगे, जातिगत जनगणना कराएंगे। हम दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनते ही जातिगत जनगणना कराएंगे।'

उन्होंने कहा, 'मोदी और केजरीवाल दोनों नहीं चाहते कि दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को उनका हक़ मिले। सिर्फ कांग्रेस ही समान भागीदारी और संविधान की रक्षा के लिए लगातार आवाज़ उठा रही है। आप सभी दिल्लीवासी इस फर्क को समझिए!'

राहुल ने कहा, 'महंगाई के बारे में मोदी और केजरीवाल ने क्या कहा था? कहा था कि महंगाई कम करेंगे। क्या हुई महंगाई कम? गरीब और गरीब होते जा रहे और अमीर और अमीर…। 100-150 लोग हैं जो हिंदुस्तान को कंट्रोल करते हैं। अडानी और अंबानी मोदी की मार्केटिंग करते हैं। आपने कभी मोदी जी को इनके बारे में कुछ बोलते हुए सुना है? केजरीवाल ने इनके बारे में कभी बोला क्या? एक शब्द नहीं बोलते हैं।' 

राहुल गांधी के आरोपों पर अरविंद केजरीवाल ने कहा है, 'आज राहुल गांधी जी दिल्ली आए। उन्होंने मुझे बहुत गालियाँ दीं। पर मैं उनके बयानों पर कोई टिप्पणी नहीं करूँगा। उनकी लड़ाई कांग्रेस बचाने की है, मेरी लड़ाई देश बचाने की है।'

रैली में दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने पीएम मोदी और अरविंद केजरीवाल पर हमला करते हुए कहा, 'आज से 10 साल पहले केंद्र और दिल्ली की सत्ता में दो लोग आए। दोनों ने सत्ता में आने के लिए हमें बहुत से सपने दिखाए। एक ने हमें कहा कि महंगाई कम होगी, लेकिन सिर्फ संविधान को कमजोर करने का काम किया। ऐसे में संविधान पर आक्रमण करने वालों का जिसने डटकर मुकाबला किया, वो राहुल गांधी जी थे।'

यादव ने आगे कहा, 'इसी तरह दिल्ली में भी एक सपनों का सौदागर आया। उसने कहा- भ्रष्टाचार खत्म कर दूंगा, लोकपाल बिल लेकर आऊंगा, हर घर में बिजली और पानी दूंगा। नए अस्पताल खोलूंगा, नए स्कूल खोलूंगा। लेकिन सबने देखा है, इनके 25 विधायक, मंत्री और खुद पूर्व सीएम भ्रष्टाचार के मामले में जेल गए।'

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क़मर वहीद नक़वी
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