विशाखापत्तनम में एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से इस मसले पर मुलाक़ात की थी लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘आप’ के साथ चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने रविवार को कहा था कि रविवार शाम तक या फिर सोमवार को इस मामले पर तसवीर पूरी तरह साफ़ हो जाएगी।
राजनीतिक गलियारों में यह सवाल जोर-शोर से पूछा जा रहा था कि गठबंधन होगा या नहीं। गठबंधन को लेकर कांग्रेस और ‘आप’ के बीच कई बार बात बनती और बिगड़ती रही है। दिल्ली में छठे चरण में 12 मई को वोट डाले जाने हैं।
कुछ दिन पहले इस मसले पर कांग्रेस के भीतर ही लेटर वॉर छिड़ गया था और पार्टी दो गुटों में बँट गई थी। एक लेटर लिखा गया था दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्षों की ओर से जबकि दूसरा लेटर लिखा गया था प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित और दिल्ली कांग्रेस के तीन कार्यकारी अध्यक्षों की ओर से।
दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्षों अरविंदर सिंह लवली, सुभाष चोपड़ा की ओर से अजय माकन के नेतृत्व में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को लिखे गए लेटर में ‘आप’ के साथ गठबंधन की वकालत की गई थी। साथ ही इस बात का भी दावा किया गया था कि दिल्ली में कांग्रेस के 14 जिला अध्यक्षों में से 12 जिला अध्यक्ष ‘आप’ के साथ गठबंधन चाहते हैं।
यहाँ यह बताना ज़रूरी है कि यही अजय माकन प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए ‘आप’ से गठबंधन का खुलेआम विरोध करते थे। दूसरी ओर, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की ओर से लिखे गए लेटर में कहा गया था कि ‘आप’ के साथ क़तई गठबंधन नहीं होना चाहिए। इस लेटर में दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको की ओर से दिल्ली में कराए गए सर्वे का भी विरोध किया गया था।
राहुल गाँधी भी खु़द मंच से इस बात को कह चुके थे कि 'आप' के साथ किसी तरह का गठबंधन नहीं होगा। उसके बाद यह माना जा रहा था कि अब दोनों दलों के बीच गठबंधन की संभावनाएँ ख़त्म हो गई हैं और दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे।
लेकिन कुछ ही दिन पहले यह ख़बर आई थी कि दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने एक रिकॉर्डेड ऑडियो मैसेज कांग्रेस के बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं को भेजकर गठबंधन को लेकर सर्वे कराया था। सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद इसे राहुल गाँधी को भेजा गया था।
पवार के घर हुई थी मुलाक़ात
गठबंधन की संभावनाओं पर बातचीत के दौरान यह ख़बर भी आई थी कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के घर पर केजरीवाल और राहुल गाँधी की बातचीत हुई थी। लेकिन तब इस पर राहुल गाँधी कोई फ़ैसला नहीं कर पाए थे। तब यह ख़बरें भी सामने आई थीं कि राहुल गाँधी तो गठबंधन के पक्ष में हैं लेकिन दिल्ली कांग्रेस में गठबंधन को लेकर एक राय नहीं है।
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