दिल्ली में वैसे तो समग्र रूप से अपराध कम हुए हैं, लेकिन अभी भी यह 'अपराधों की राजधानी' बनी हुई है। यह देश में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आँकड़े ही इसके गवाह हैं। ये आँकड़े इसके भी गवाह हैं कि निर्भया मामले के बाद जबरदस्त शोर के बाद भी सरकारी प्रयास विफल साबित हुए हैं।
दिल्ली अपराधों की राजधानी? महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित
- दिल्ली
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- 29 Mar, 2025
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आँकड़ों के अनुसार, पिछले साल दिल्ली में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों के 10,093 से अधिक मामले दर्ज किए गए। देश की राजधानी महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित है।

एनसीआरबी ने पिछले साल यानी 2020 के अपराध के आँकड़े जारी किए हैं। इसके अनुसार, पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों के 10,093 से अधिक मामले दर्ज किए गए। दिल्ली में ये मामले मुंबई, पुणे, ग़ाज़ियाबाद, बैंगलोर या इंदौर में दर्ज मामलों की संख्या से दोगुने से अधिक हैं। 2018 में दिल्ली में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों के 13,640 मामले दर्ज किए गए थे जबकि अगले साल यानी 2019 में यह संख्या 300 कम हो गई थी।