लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार अभियानों में पाकिस्तान की चर्चा भी होने लगी है। गुरुवार को पीएम मोदी ने गुजरात में कहा है कि आज भारत में कांग्रेस कमजोर हो रही है और वहां पाकिस्तान रो रहा है।
पीएम ने कहा कि शहजादे को प्रधानमंत्री बनाने के लिए पाकिस्तान उतावला है। कांग्रेस के लिए अब पाकिस्तानी नेता दुआ कर रहे हैं। कांग्रेस तो पाकिस्तान की मुरीद है ही।
देश के दुश्मनों को भारत में मजबूत सरकार नहीं बल्कि कमजोर सरकार चाहिए। देश के दुश्मनों को वैसी ही अस्थिर और कमजोर सरकार चाहिए जो 2014 से पहले देश में थी। मोदी की मजबूत सरकार न झुकती है और न ही रुकती है।
पीएम ने कहा कि पाकिस्तान और कांग्रेस की ये पार्टनरशिप अब पूरी तरह एक्सपोज हो गई है।
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहा है कि इन्होंने (कांग्रेस) अपने घोषणा पत्र में लिखित में कहा है कि अब जो सरकारी टेंडर होंगे, उसमें भी मुसलमानों के लिए एक कोटा फिक्स कर दिया जाएगा। अब सरकारी ठेकों में भी धर्म के आधार पर आरक्षण लाया जाएगा।
हिंदू समाज को बांटने के लिए खेल खेला गया है। वे लोग रामभक्तों और शिवभक्तों में भेद करके लड़ाना चाहते हैं। हजारों-हजार साल से चली आ रही हमारी परंपराएं, वो परंपराएं जिन्हें मुगल भी तोड़ नहीं पाए, अब कांग्रेस उन्हें तोड़ना चाहती है। तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस और कितना नीचे गिरेगी?
उन्होंने कहा कि जब से मैंने एससी/एसटी/ओबीसी के खिलाफ कांग्रेस की सच्चाई को देश के सामने रखा है, कांग्रेस संतुलन खो चुकी है, कांग्रेस बौखला गई है, झूठ पर झूठ बोल रही है।
अब इंडी गठबंधन ने मुसलमानों से वोट जिहाद करने को कहा है। इंडी गठबंधन का साफ कहना है कि सारे मुसलमानों को एकजुट होकर वोट देना चाहिए।
इन्होंने लोकतंत्र के उत्सव में वोट जिहाद की बात करके लोकतंत्र का और संविधान का अपमान किया है।ये वोट जिहाद की बात भी कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति को ही आगे बढ़ाती है।
चुनाव में पाकिस्तान की चर्चा क्यों ?
प्रधानमंत्री द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान पाकिस्तान का नाम लेने के बाद सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर चुनाव प्रचार के दौरान पाकिस्तान का नाम लेने की आवश्यकता क्यों पड़ी? विपक्षी नेता आरोप लगाते रहे हैं कि भाजपा जब-जब चुनाव के दौरान मुश्किल में फंसती दिखती है तब-तब पाकिस्तान का नाम लेती है। पाकिस्तान का नाम लेकर और इससे कांग्रेस को जोड़ कर भाजपा वोट पाने की कोशिश करती है।
पिछले कई दिनों से विपक्षी नेता कह रहे थे कि चुनाव में हिंदू-मुस्लिम और मंदिर के मुद्दे को उठाने के बाद भाजपा पाकिस्तान का मुद्दा भी उठा सकती है। पिछले कई चुनावों में भी पाकिस्तान का मुद्दा उठता रहा है।
विपक्ष के नेता प्रधानमंत्री और अन्य भाजपा नेताओं के भाषणों में इस्तेमाल होने वाली भाषा पर सवाल उठा रहे हैं। वे चुनाव आयोग की चुप्पी पर भी सवाल उठा रहे हैं।
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