नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में जब जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों का प्रदर्शन हिंसक हुआ तो प्रदर्शनकारियों की ओर से कहा गया कि पुलिस ने गोलियां चलाई हैं। हालाँकि पुलिस ने जोर देकर कहा कि उसने गोलियां नहीं चलाईं और सिर्फ़ आंसू गैस के गोले दागे गए। पुलिस ने यह भी कहा था कि हालाँकि उसे घटनास्थल से बुलेट के खोखे मिले हैं। लेकिन अब एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक पुलिसकर्मी को गोली चलाते हुए देखा जा सकता है। पुलिस इस वीडियो की जाँच कर रही है।
यह वीडियो दिल्ली की मथुरा रोड का है और इसमें गोली चलाने के बाद पुलिसकर्मी सड़क के किनारे की गली में चला जाता है और कुछ और गोलियां चलाता है। वीडियो में कम से कम 4 गोलियां चलने की आवाज़ सुनी जा सकती है। हालाँकि इस वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि अभी नहीं हुई है।
सभी वीडियो की जाँच कर रही पुलिस
मामले की जाँच कर रहे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एनडीटीवी से कहा कि यह वीडियो भी जाँच का हिस्सा है और वह इससे ज़्यादा कुछ नहीं कह सकते। उन्होंने यह भी कहा कि स्टेशन लेवल के पुलिसकर्मी अक्सर छोटे हथियार (9 एमएम पिस्टल) रखते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं और पुलिस सभी की जाँच कर रही है। एनडीटीवी के मुताबिक़, कुछ पुलिस सूत्रों का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने अपनी सुरक्षा में गोली चलाई थी।
ग़लत सूचनाएँ फैलाने वालों पर नज़र
एनडीटीवी के मुताबिक़, गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिस दिल्ली में कुछ ऐसे सोशल मीडिया हैंडल की जाँच कर रही है जो ग़लत सूचनाएँ फैला रहे हैं और इनकी वजह से विरोध बढ़ा और हिंसा फैली है। जामिया के छात्रों के प्रदर्शन के बाद सोमवार को पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई है और पुलिस के पास रबर बुलेट भी नहीं हैं।
उपद्रवियों के ख़िलाफ़ होगी कार्रवाई
दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त दीवेश श्रीवास्तव ने कहा कि सीलमपुर इलाके में हुए विरोध प्रदर्शन में पुलिस को ड्रोन कैमरों से ऐसी फुटेज मिली हैं जिनसे पता चलता है कि प्रदर्शन में कई उपद्रवी शामिल थे। उन्होंने कहा कि पुलिस उनकी पहचान कर रही है और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा रही है। सीलमपुर और ज़ाफराबाद में हुए हिंसक प्रदर्शन में अभी तक 8 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।
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