बीजेपी और आम आदमी पार्टी के सियासी रण का मरकज़ बन चुकी दिल्ली में एक बार फिर बवाल हुआ है। दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि मंगलवार सुबह जब वे दिल्ली के कुछ इलाक़ों में बन रहे नए स्कूल भवनों के काम का जायजा लेने पहुंचे थे तो बीजेपी के नेताओं व गुंडों ने स्कूल में तोड़फोड़ की और उनकी सरकारी गाड़ी को तोड़ दिया।
सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि जब वह रोहतास नगर में बन रहे एक स्कूल में पहुंचे तो बीजेपी के नेता स्कूल का गेट तोड़कर अंदर घुस गए और वहां मौजूद महिला शिक्षकों, इंजीनियर्स और मज़दूरों के साथ बदतमीज़ी की। उन्होंने पूछा है कि बीजेपी के नेताओं को स्कूल बनने, पढ़ने-लिखने से इतनी चिढ़ क्यों है? सिसोदिया इस दौरान बाबरपुर, करावल नगर और गोकलपुर भी पहुंचे।
सिसोदिया ने चार फ़ोटो जारी की हैं जिनमें कुछ लोग सिसोदिया गो बैक के होर्डिंग हाथ में लिए हुए हैं और उन्हें काले झंडे दिखा रहे हैं। इस दौरान पुलिस ने इन लोगों को वहां से हटाया।
घर में घुसे थे बीजेपी नेता
दिसंबर, 2020 में भी ऐसी ही घटना हुई थी जब सिसोदिया के घर में बीजेपी के नेता घुस गए थे। सिसोदिया ने तब इसका वीडियो ट्वीट किया था और कहा था, ‘आज बीजेपी के गुंडे मेरी ग़ैरमौजूदगी में मेरे घर के दरवाज़े तोड़कर अंदर घुस गए और मेरे बीवी-बच्चों पर हमला करने की कोशिश की।’
बीते साल दिसंबर में दिल्ली जल बोर्ड के दफ़्तर पर भी हमला हुआ था और आम आदमी पार्टी ने इसका आरोप बीजेपी पर लगाया था।
ये हाल देश की राष्ट्रीय राजधानी के हैं, जहां की पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है और इस मंत्रालय की कमान बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह के पास है और दिल्ली पुलिस दावा करती है कि राजधानी में हर शख़्स सुरक्षित है।
एमसीडी चुनाव को लेकर रार
बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच ये सियासी रार अभी और बढ़ेगी, इससे इनकार नहीं किया जा सकता। इसके पीछे वज़ह अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले एमसीडी के चुनाव हैं। दिल्ली के तीनों नगर निगमों में बीजेपी सत्ता में है लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी यहां कब्ज़ा जमाना चाहती है।
आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी के इंटरनल सर्वे से साबित हुआ है कि एमसीडी के अगले चुनाव में बीजेपी को 40-50 सीटें मिलनी भी मुश्किल हैं।
दिल्ली में लगातार दो विधानसभा चुनाव बड़े अंतर से जीतने वाली आप 2017 में नगर निगम का चुनाव नहीं जीत सकी थी और तीनों नगर निगमों में उसे हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार केजरीवाल ने नगर निगमों को फतेह करने के लिए पार्टी नेताओं से पूरा जोर लगाने को कहा है।
इसके अलावा किसान आंदोलन से लेकर, कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की सप्लाई, केजरीवाल सरकार की राशन डिलीवरी योजना सहित कई और मुद्दों पर दोनों दल आमने-सामने हो चुके हैं।
उड़ान भरना चाहती है आप
आम आदमी पार्टी अब लंबी सियासी उड़ान भरना चाहती है। अरविंद केजरीवाल एलान कर चुके हैं कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव लड़ेगी। केजरीवाल और उनकी टीम ने दिल्ली में नगर निगम चुनाव के अलावा पंजाब, उत्तराखंड और गुजरात में पूरा जोर लगाया हुआ है।
अपनी राय बतायें