तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने गुरुवार को संसद की एथिक्स कमेटी सिफारिश सामने आने के बाद इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये कंगारू कोर्ट में पहले से फिक्स मैच की तरह था।
उन्होंने कहा कि भले ही वे मुझे संसद से निष्कासित कर दें, अगली लोकसभा में मैं ज्यादा वोटों से जीत कर वापस आऊंगी। महुआ मोइत्रा पर संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगा था।
आरोप के बाद संसद की एथिक्स कमेटी ने मामले की जांच की है। इसके बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है जिसे वह शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष को सौंपेगी। सामने आयी जानकारी के मुताबिक कमेटी ने उनके लोकसभा से निष्कासन की सिफारिश की है।
गुरुवार को एथिक्स कमेटी की बैठक में रिपोर्ट के समर्थन में 6 और विरोध में 4 सदस्याों ने वोट किया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक महुआ मोइत्रा एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर कहा है कि यह कंगारू कोर्ट द्वारा पूर्व-निर्धारित मैच है, जिसमें कोई आश्चर्य या परिणाम नहीं है। लेकिन देश के लिए यह बड़ा संदेश है। यह संसदीय लोकतंत्र की मृत्यु है।
उनके संसद से निष्कासन की सिफारिश करने वाली एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर महुआ मोइत्रा ने भाजपा की आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि भाजपा ने संसदीय लोकतंत्र का जो मजाक उड़ाया है, वह पूरे देश को दिखा है। अपने भविष्य के कदम के बारे में पूछे जाने पर, महुआ मोइत्रा ने कहा कि पहले, उन्हें मुझे निष्कासित करने दीजिए।
एनडीटीवी की रिपोर्ट कहती है कि एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा के कार्यों को "अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक" पाते हुए उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द करने का सुझाव दिया है।
सूत्रों ने बताया कि इसके पक्ष में मतदान करने वालों में निलंबित कांग्रेस सांसद परनीत कौर भी शामिल हैं।
एथिक्स कमेटी ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के साथ अपने लॉग-इन क्रेडेंशियल साझा करने के लिए महुआ मोइत्रा को दोषी ठहराया है। कमेटी ने कहा है कि उनके इस काम से विदेशी एजेंसियों के लिए संवेदनशील सामग्री के लीक होने का गंभीर खतरा पैदा होता है।
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पहली बार एथिक्स कमेटी ने निष्कासन की सिफारिश की है
प्राप्त जानकारी के मुताबिक संसदीय इतिहास में यह पहली बार है कि लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने किसी सांसद के निष्कासन की सिफारिश की है। कमेटी अपनी रिपोर्ट अब शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष को सौंपेगी। इसके बाद देखना होगा कि लोकसभा अध्यक्ष इस पर क्या निर्णय लेते हैं। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट को कमेटी के अध्यक्ष संसद के आगामी सत्र में लोकसभा में पेश करेंगे। इसके बाद इसपर चर्चा और वोटिंग हो सकती है। इसके बाद ही महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित किया जा सकता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक महुआ मोइत्रा को पहले ही एहसास हो चुका था कि एथिक्स कमेटी लोकसभा से उनके निष्कासन की सिफारिश कर सकती है। ऐसा इसलिए की इस कमेटी में भाजपा या एनडीए के सांसदों का बहुमत है।
एथिक्स कमेटी ने पिछले दिनों जब महुआ को पूछताछ के लिए बुलाया था तब भी विवाद हुआ था। इस दौरान महुआ ने कमेटी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। वहीं कमेटी से विवाद के बाद कई राजनैतिक विश्लेषक मान रहे थे कि महुआ के खिलाफ फैसला आ सकता है।
वहीं महुआ और विभिन्न विपक्षी नेताओं का आरोप है कि उन्हें लोकसभा में सरकार से तीखे सवाल पूछने की सजा दी जा रही है।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब महुआ को भरोसा है कि भले ही उन्हें संसद से निष्कासित कर दिया जाये लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में वह फिर से एक बार जीत कर संसद में आ सकती है।
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