दिल्ली के लेफ़्टीनेंट गवर्नर ने उस आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें कोरोना रोगियों के लिए 5 दिनों के संस्थागत क्वरेन्टाइन को अनिवार्य करने की बात कही गई है।
बता दें, शुक्रवार को लेफ़्टीनेंट गवर्नर अनिल बैजल ने एक आदेश जारी कर कहा कि
राष्ट्रीय राजधानी में हर कोरोना संक्रमित को कम से कम 5 दिन किसी अस्पताल या क्वरेन्टाइन केंद्र में क्वरेन्टाइन करना ही होगा। वह उस केंद्र से बाहर तभी निकल सकता है जब कोरोना के लक्षण कम हो जाएं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसका विरोध किया था। उन्होंने सवाल किया था कि दिल्ली के लिए अलग दिशा निर्देश क्यों?
होम आइसोलेशन
उन्होंने कहा कि इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा है कि जिन लोगों में कोरोना के लक्षण बाहर से नहीं दिखते हैं या जिनमें हल्के लक्षण दिखते हैं, वे घर पर ही खुद आइसोलेट करें।
दिल्ली सरकार ने कहा कि सभी कोरोना संक्रमित लोगों को क्वरेन्टाइन करने की स्थिति में दिल्ली में जून के अंत तक एक लाख बिस्तरों की ज़रूरत होगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था :
“
'ज़्यादातर कोरोना संक्रमितों में लक्षण नहीं हैं या बहुत ही हल्के लक्षण हैं, उनके लिए व्यवस्था कैसे की जाएगी? रेलव ने जो आइसोलेशन कोच बना कर दिए हैं, उनमें अंदर इतनी गर्मी है कि वहाँ कोई नहीं रह सकता।'
अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली
केजरीवाल का आरोप
अरविंद केजरीवाल ने बैजल के आदेश को तानाशाही आदेश क़रार देते हुए पूछा था कि 'पूरे देश के लिए एक आदेश और दिल्ली के लिए दूसरा क्यों?' याद दिला दें, बीते हफ़्ते गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हर आदमी के कोरोना टेस्ट का इंतजाम किया जाएगा। उन्होंने एक सर्वदलीय बैठक में आश्वासन दिया था कि ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी दिल्ली, नोएडा, ग़ाजियाबाद, गुड़गाँव में कोरोना टेस्ट बढ़ाए जाएंगे, इसके लिए पक्की व्यवस्था की जाएगी। इसका इंतजाम किया जाएगा कि हर आदमी का कोरोना टेस्ट किया जा सके।
सबसे बड़ा क्वरेन्टाइन केंद्र
दिल्ली में
कोरोना वायरस का संक्रमण तेज़ी से बढ़ने और अस्पताल बेड कम पड़ने की आ रही ख़बरों के बीच दुनिया का सबसे बड़ा अस्थायी कोरोना इलाज केंद्र तैयार किया जा रहा है। यह क़रीब 22 फ़ुटबॉल मैदान जितना बड़ा होगा। इसमें क़रीब 10 हज़ार बेड होंगे। यह केंद्र दक्षिणी दिल्ली के राधा स्वामी आध्यात्मिक केंद्र में बनाया जा रहा है।
इतना बड़े सेंटर बनाए जाने की ख़बर तब आ रही है जब दिल्ली के कई अस्पतालों में कोरोना वायरस मरीज़ों के बेड भर जाने की शिकायतें आने लगी हैं। इस बीच मरीज़ों की संख्या
बेतहाशा बढ़ने की आशंका जताई गई है।
एक सरकारी पैनल ने अनुमान लगाया है कि दिल्ली में इस महीने के आख़िर में 1 लाख तक कोरोना के मामले आ सकते हैं और हाल में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ने कहा था कि जुलाई के आख़िर में क़रीब 5.5 लाख तक मामले आ सकते हैं। यह काफ़ी चिंता करने वाली स्थिति है।
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