दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बार फिर बीजेपी से कहा है कि वह अपने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करे। ‘आप’ इससे पहले भी बीजेपी पर मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने को लेकर दबाव बनाती रही है। लेकिन पार्टी नेताओं में गुटबाज़ी बढ़ने के डर से और पिछले कुछ चुनावों में इसका अनुभव अच्छा नहीं रहने की वजह से बीजेपी ने इस बार किसी नेता को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया। अब मतदान से ठीक पहले केजरीवाल ने यह पासा फिर से फेंक दिया है।
अभी तक पूरे चुनाव को शाहीन बाग़ के मुद्दे तक समेटने की कोशिश में सफल रही बीजेपी केजरीवाल के इस वार की काट ढूंढ रही है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा, ‘केजरीवाल समय तय करें और हम घोषणा पत्र पर बहस करेंगे। अगर आप आयेंगे तो हमारी ओर से भी एक व्यक्ति आयेगा।’
कुछ दिन पहले एक समारोह में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कह दिया था कि पार्टी मनोज तिवारी को सीएम बनाकर ही रहेगी लेकिन उसी शाम उन्हें अपना यह बयान वापस लेना पड़ा था क्योंकि इससे पार्टी में गुटबाज़ी बढ़ने का डर था। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने केजरीवाल के जाल में फंसकर पूर्व पुलिस अफ़सर किरन बेदी को सीएम का चेहरा बना दिया था। लेकिन बीजेपी की बुरी हार हुई थी। इसलिये इस बार उसने ऐसा करने का जोख़िम नहीं लिया।
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