दिल्ली में स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में बीते साल 5 जनवरी को सैकड़ों की संख्या में नक़ाबपोश घुसे, उन्होंने तीन घंटे तक कोहराम मचाया, छात्र-छात्राओं और टीचर्स को पीटा लेकिन साल भर बाद भी इस मामले में कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है। कोई चार्जशीट तक दाख़िल नहीं हुई है और विश्वविद्यालय की ओर से इस मामले में चल रही आंतरिक जांच को भी बंद कर दिया गया है। हिंसा में 36 लोग घायल हुए थे। इनमें टीचर्स और छात्र-छात्राएं शामिल थे।
जेएनयू हिंसा: साल भर बाद भी कोई चार्जशीट नहीं-कोई गिरफ़्तारी नहीं
- दिल्ली
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- 3 Aug, 2021
हिंसा और गुंडई की ये जघन्य वारदात उस दिल्ली में हुई थी, जहां की सुरक्षा केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास है, जिसके पास बेहतर संसाधनों वाली पुलिस फ़ोर्स है और जो देश की राजधानी है।

हिंसा और गुंडई की ये जघन्य वारदात उस दिल्ली में हुई थी, जहां की सुरक्षा केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास है, जिसके पास बेहतर संसाधनों वाली पुलिस फ़ोर्स है और जो देश की राजधानी है।
5 जनवरी को हुई हिंसा की इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने 9 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेन्स की थी और 9 संदिग्ध छात्रों के नाम बताए थे। इनमें से 7 वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े थे और 2 एबीवीपी से थे।