दक्षिणी दिल्ली के लोधी कालोनी में भीषण हत्या का एक मामला सामने आया है। भीषण इसलिए कि दो लोगों ने कथित तौर पर ‘मानव बलि’ के नाम पर छह साल के एक बच्चे की गला रेतकर हत्या कर दी।
पुलिस का कहना है कि इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनकी पहचान विजय कुमार और अमर कुमार के रूप में हुई है। दोनों आरोपी मूल रूप से बिहार के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि वारदात को अंजाम देने के समय आरोपी नशे में थे। 'द हिंदू' की एक रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि वे गांजे के नशे में थे जब उन्हें भगवान शिव ने कहा कि अगर वे अमीर बनना चाहते हैं तो 'बच्चे की बलि' दें।
पुलिस के अनुसार आरोपियों ने कहा है कि उनकी परिवार से कोई दुश्मनी नहीं थी। रात करीब साढ़े 10 बजे जब बच्चा अपनी झुग्गी में जा रहा था तो उन्होंने उसे बुलाया। बच्चा उन्हें जानता था तो वह आसानी से उनके पास चला गया।
रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों ने उसी समय पीड़ित बच्चे को पकड़ लिया, उसका गला रेत दिया और उसके सिर के पिछले हिस्से पर कई वार किए। डीसीपी (दक्षिण) चंदन चौधरी ने कहा कि शनिवार आधी रात के करीब पुलिस को दक्षिण दिल्ली में सीजीओ कॉम्प्लेक्स के पास एक झुग्गी में बच्चे की हत्या की सूचना मिली थी।
रिपोर्ट के अनुसार मृतक की मां भगवती ने कहा कि उनका बच्चा अपने दोस्तों और भाई-बहनों के साथ खेल रहा था। दोनों आरोपी उसके बेटे को जानते थे। उन्होंने कहा, 'हम उसे बेताबी से खोजते रहे। अचानक मैंने एक झुग्गी के अंदर खून देखा। कोई उसकी बलि कैसे दे सकता था!'
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि अशोक झुग्गी में घुसे तो देखा कि आरोपी उसके बच्चे के शव को अपनी खाट के नीचे छिपाने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस को मौके पर बुलाया गया और दोनों आरोपियों को पकड़ लिया गया। अधिकारी ने कहा कि हत्या में प्रयुक्त चाकू और अपराध के दौरान आरोपियों द्वारा पहने गए कपड़े बरामद कर लिए गए हैं।
ग़लत पूजा के शक में पुजारी का कान काटा
इधर मध्य प्रदेश के इंदौर में एक अजीबोगरीब घटना घटी है। पूजा के लिए एक परिवार ने कोटा के एक पुजारी को बुलाया था। परिवार के सदस्यों ने अनुष्ठान के गलत होने के संदेह में हमला किया और उनमें से एक पुजारी के कान का एक हिस्सा काट दिया। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार चंदन नगर थाना प्रभारी अभय नीमा ने कहा कि राजस्थान के कोटा के 60 वर्षीय पुजारी कुंजबिहारी शर्मा को स्कीम नंबर 71 निवासी लक्ष्मीकांत शर्मा ने अपने बेटे की शादी के लिए सत्यनारायण पूजा करने के लिए आमंत्रित किया था।
उन्होंने दावा किया कि शिकायतकर्ता कुंजबिहारी ने कहा कि लक्ष्मीकांत ने उन्हें इसलिए बुलाया था क्योंकि उनके बेटे अरुण को दुल्हन नहीं मिल रही थी। उन्होंने सुझाव दिया कि उन्हें अपने घर पर सत्यनारायण पूजा करनी चाहिए। 29 सितंबर को वह उनके घर पहुंचे और पूजा की। उन्होंने उसे खाना और दूध दिया और फिर वह उनके घर सो गया।
रात में लक्ष्मीकांत के छोटे बेटे विपुल ने पुजारी को जगाया और यह दावा किया कि उसकी पूजा 'गलत हो गई' और उसका भाई 'अजीब हरकत' कर रहा था। दोनों बेटों और उनके पिता ने पुजारी की बेरहमी से पिटाई की और विपुल ने उसके कान का एक हिस्सा काट लिया।
पुजारी की चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे और उसे बचाया। नीमा ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ हिंसा का मामला दर्ज कर उन्हें अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
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