पिछले महीने दिल्ली के चांदनी चौक के जिस प्राचीन हनुमान मंदिर को तोड़े जाने पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी भिड़ गए थे, उसे फिर से बना दिया गया है। जिस जगह पर यह मंदिर था, उसी के बगल में इसे फिर से स्थापित किया गया है। बताया गया है कि स्थानीय लोगों ने इसे बनाया है। बीजेपी ने मंदिर को फिर से स्थापित करने का स्वागत किया है।
लेकिन इस बात का कोई पता नहीं है कि रातों-रात यह मंदिर कैसे बना दिया गया। मंदिर किसने बनाया, क्या इसे बनाने के लिए किसी से अनुमति ली गई, इन सवालों का कोई जवाब नहीं है।
हाई कोर्ट का था आदेश
चांदनी चौक में दिल्ली सरकार का लोक निर्माण विभाग पुनर्विकास का काम कर रहा है और इसमें आड़े आ रहे धार्मिक ढांचों और दूसरी चीजों को हटाकर रास्ते को समतल किया जा रहा है। वर्षों पुराने इस हनुमान मंदिर को भी अतिक्रमण माना गया था और दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर ही इसे हटाया गया था।
इस मामले में आम आदमी पार्टी ने कहा था कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा था कि वह मंदिर तोड़ने के लिए तैयार है, इस निगम में बीजेपी सत्तारूढ़ है, इसलिए बीजेपी ही मंदिर के टूटने के लिए जिम्मेदार है।
जबकि बीजेपी का कहना था कि 23 अक्टूबर, 2019 को दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि नगर निगम और दिल्ली पुलिस मंदिर को हटाने में सहयोग नहीं कर रहे हैं और इसलिए नगर निगम को यह आदेश दिया जाए कि मंदिर को वहां से हटाया जाए क्योंकि चांदनी चौक के पुनर्विकास में यह मंदिर बाधा बन रहा है।
बीजेपी का कहना था कि दिल्ली सरकार इस मंदिर को पुनर्विकास योजना का हिस्सा बनाने के लिए तैयार नहीं थी और वह चाहती तो कहीं बगल में इसे बना सकती थी। उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार की धार्मिक कमेटी ने इस मामले को सुनने से ही इनकार कर दिया था।
अपनी राय बतायें