दिल्ली दंगे पर काबू पाने में पुलिस का रवैया हैरान करने वाला रहा है। अब इस इस मामले की जाँच के लिए जो दो विशेष जाँच टीमें यानी एसआईटी बनी हैं, वह भी कम हैरान करने वाली नहीं हैं। दोनों में से हर एसआईटी का नेतृत्व डीसीपी राजेश देव और जॉय टिर्की करेंगे। ये दोनों अफ़सर वही हैं जो जामिया मिल्लिया इसलामिया और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा के मामलों की जाँच की निगरानी करते रहे हैं। ये दोनों ऐसे मामले हैं जिनमें सीसीटीवी फुटेज मौजूद हैं। जेएनयू में कई हमलावरों की पहचान भी गई, जामिया में ख़ुद पुलिस फँसती दिखी। लेकिन इन दोनों मामलों में क़रीब दो महीने में नतीजा क्या निकला? क्या यह हैरान करने का मामला नहीं है?