सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के भाजपा से अपनी सीटें हारने के बाद आम आदमी पार्टी को अब तक की सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली में सरकार बनाने वाली पार्टी को अब बीजेपी द्वारा 48 सीटों के साथ आसान जीत हासिल करने के बाद पहली बार विपक्ष की भूमिका निभानी होगी। लेकिन उसके पास दूसरी लाइन की लीडरशिप क्या तैयार है। केजरीवाल ने भी उसी कल्ट राजनीति को बढ़ावा दिया, जो बीजेपी और कांग्रेस में भी है। बीजेपी में तो स्थिति वैसे थोड़ी बेहतर है कि वहां मोदी के अमित शाह, राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा का नाम दूसरी लाइन के नेता माने जाते हैं। लेकिन आप में तो सिर्फ गोपाल राय और आतिशी ही विधानसभा में सीनियर नेता बचे हैं।
केजरीवाल के हारने से आप की मुश्किलें बढ़ीं, दूसरी लाइन की लीडरशिप कहां है
- दिल्ली
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- 29 Mar, 2025
दिल्ली विधानसभा में अब गोपाल राय और आतिशी ही AAP के वरिष्ठ नेता बचे हैं। अरविंद केजरीवाल के हारने से आम आदमी पार्टी की राजनीतिक रणनीति का भविष्य क्या है। उसकी दूसरी लाइन की लीडरशिप क्या तैयार है।

गोपाल राय और आतिशी