गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू से पुलिस की क्राइम ब्रांच लगातार पूछताछ कर रही है।
पूछताछ में दीप सिद्धू ने पुलिस को बताया है कि वह इसलिए छुपा हुआ था क्योंकि उसकी जान को ख़तरा था। सिद्धू ने कहा कि वह इस बात से डरा हुआ था कि उसकी हत्या कर दी जाएगी क्योंकि किसान नेताओं ने गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा का पूरा दोष उसके मत्थे मढ़ दिया था।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक़, इस मामले से जुड़े एक पुलिस अफ़सर ने कहा कि सिद्धू ने बताया, “लाल क़िले और आईटीओ की ओर ट्रैक्टर मार्च जाने की घटना अचानक नहीं हुई थी। इस रैली से 15 दिन पहले पंजाब और सिंघु बॉर्डर में आंदोलन कर रहे किसान नेता कह रहे थे कि वे नई दिल्ली, संसद, इंडिया गेट और लाल क़िले तक ट्रैक्टर रैली निकालेंगे।”
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि वह सिद्धू के द्वारा कही गई बातें कितनी सच हैं, इसकी जांच करेगी।
सिद्धू के बयान के बारे में भारतीय किसान यूनियन के पंजाब के दोआबा इलाक़े के अध्यक्ष मंजीत राय ने कहा कि जब उन्हें आधिकारिक रूप से पता चलेगा कि सिद्धू ने पुलिस से क्या कहा है, उसके बाद ही वे इस बारे में टिप्पणी करेंगे।
सिद्धू ने पुलिस को यह भी बताया कि उसका लाल क़िले पर जाने के पीछे कोई ग़लत इरादा नहीं था और वह वहां इसलिए गया था क्योंकि बाक़ी लोग भी वहां जा रहे थे।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक़, संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य हरिंदर हैप्पी ने कहा कि सिद्धू ने 25 जनवरी की शाम को मोर्चा के स्टेज पर कब्जा कर लिया था और और भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद उससे धरना स्थल से जाने के लिए कह दिया गया था।
ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद कई किसान नेताओं ने सिद्धू को बीजेपी और आरएसएस का एजेंट बताया था और सवाल उठाया था कि जब लाल क़िला किसान नेताओं के रूट में ही नहीं था तो वह कैसे आख़िर वहां तक पहुंच गया।
करनाल से किया था गिरफ़्तार
लाल क़िले में निशान साहिब फहराए जाने के बाद से ही फरार चल रहे दीप सिद्धू ने कई दिन तक पुलिस को चकमा दिया था लेकिन मंगलवार को आख़िरकार हरियाणा के करनाल से दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया था।
महिला दोस्त के संपर्क में था
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, पुलिस के एक सूत्र ने बताया, “लाल किले पर हिंसा के बाद सिद्धू सोनीपत चला गया था, वहां वह एक मोटल में रुका और उसने अपने मोबाइल फ़ोन बंद कर दिए थे। इसके बाद वह एक कार में इधर से उधर जाता रहा और इस दौरान उसके दोस्त उसे ज़रूरी मदद दे रहे थे। वह कैलिफ़ोर्निया में रह रही अपनी एक महिला दोस्त के संपर्क में भी था।”
पुलिस के मुताबिक़, “फरार रहने के दौरान सिद्धू ने अपने दोस्तों के फ़ोन से वीडियो बनाए और वह उन्हें इस महिला दोस्त को भेजता था। वही इन्हें सिद्धू के फ़ेसबुक अकाउंट पर अपलोड करती थी।”
दीप सिद्धू ने 2019 के लोकसभा चुनाव में गुरदासपुर सीट से बीजेपी के उम्मीदवार सनी देओल के लिए प्रचार किया था। लाल किले पर हुई हिंसा के बाद सनी देओल ने कहा था कि उनका और उनके परिवार का दीप सिद्धू से अब कोई रिश्ता नहीं है और वह 6 दिसंबर को ट्वीट कर इस बात को साफ कर चुके हैं।
पुलिस ने कहा है कि दीप सिद्धू लोगों को भड़काने के लिए जिम्मेदार है और लाल क़िले पर हुई घटना के मुख्य साज़िशकर्ताओं में से एक है। पुलिस के मुताबिक़, लाल किले पर हुई हिंसा मामले में एफ़आईआर दर्ज होने के बाद दीप सिद्धू और किसान आंदोलन में सक्रिय और पूर्व गैंगस्टर लक्खा सिढाणा अंडरग्राउंड हो गए थे।
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