स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट हुई या नहीं, क्या सीसीटीवी फुटेज से यह साफ़ हो सकता है? जहाँ सीएम हाउस के दरवाजे के पास की फुटेज सोशल मीडिया पर जारी कर दावा किया गया है कि उनके साथ बिल्कुल भी मारपीट हुई नहीं लगती है, वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा है कि मुख्य आरोपी विभव कुमार ने सबूत नष्ट करने के लिए 13 मई की घटना के सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ की होगी।
13 मई की वह घटना दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर आप सांसद स्वाति मालीवाल के साथ कथित तौर पर मारपीट से जुड़ी है। इसी मामले में पुलिस ने अपने रिमांड नोट में कहा है कि मुख्यमंत्री आवास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का एक हिस्सा खाली दिख रहा है।
स्वाति ने एफ़आईआर दर्ज कराई है कि दिल्ली के सीएम के आवास पर उनके साथ मारपीट की गई थी, उन्होंने दिल्ली पुलिस में दर्ज एफआईआर में केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार को आरोपी बनाया है।
एफ़आईआर में स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया है कि कैसे विभव कुमार ने उन्हें 7-8 बार थप्पड़ मारे, बार-बार उनके सीने, पेट और उसके निचले हिस्से में लातें मारीं। उन्होंने इसमें अपने मासिक धर्म आने का ज़िक्र करते हुए कहा है कि वह हमला रोकने के लिए गिड़गिड़ाती रहीं, लेकिन आरोपी नहीं रुका। विभव कुमार को गिरफ्तार कर पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
केजरीवाल के घर से सीसीटीवी डीवीआर जब्त
स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के आरोप के मामले में अतिरिक्त डीसीपी अंजिता चेप्याला और सिविल लाइन्स के थाना प्रभारी समेत दिल्ली पुलिस अधिकारियों की एक टीम रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंची। पुलिस टीम ने संभावित रूप से 13 मई के फुटेज की जांच करने के लिए सीएम के आवास से सीसीटीवी डीवीआर यानी डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर लिया।
इस बीच केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने स्वाति मालीवाल को उनके खिलाफ एक साजिश का हिस्सा बनने के लिए ब्लैकमेल किया था क्योंकि वह भ्रष्टाचार के मामले का सामना कर रही हैं।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने सुबह कहा था कि उसे डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर नहीं मिला। मुख्यमंत्री आवास के सीसीटीवी कैमरे लोक निर्माण विभाग यानी पीडब्ल्यूडी के दायरे में आते हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, रिमांड नोट में कहा गया कि विभाग के एक जूनियर इंजीनियर ने पुलिस को एक पेन ड्राइव में एक वीडियो दिया है जो खाली पाया गया। इसमें कहा गया है कि जांच से पता चला कि जूनियर इंजीनियर के पास डीवीआर तक पहुंच नहीं थी।
रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपी जाँच में सहयोग नहीं कर रहा है। उसने कहा है कि उन्होंने प्रभावशाली पद पर काम किया है और वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। रिमांड नोट में यह भी कहा गया है कि विभव कुमार को फरवरी 2015 में मुख्यमंत्री के निजी सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था और एक लोक सेवक के काम में बाधा डालने के 2007 के एक मामले में इस साल अप्रैल में हटा दिया गया था।
रिमांड नोट में कहा गया है कि सांसद पर हमला बेहद गंभीर मामला है और यह हमला घातक हो सकता था। इसमें कहा गया है कि जब विभव कुमार से घटना के बारे में पूछताछ की गई तो वह टालमटोल करने लगे। नोट में कहा गया है कि मालीवाल का बयान उनकी मेडिकल रिपोर्ट के अनुरूप है।
पुलिस ने कहा है कि आरोपी विभव कुमार के आईफोन 15 को फॉर्मेट कर दिया गया है और डेटा विशेषज्ञ द्वारा इसकी जांच की जानी चाहिए।
स्वाति मालीवाल के आरोपों पर उठाए सवाल
आम आदमी पार्टी ने तो स्वाति मालीवाल के आरोपों को खारिज किया ही है, विभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कई गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि मालीवाल बिना अपॉइंटमेंट के मुख्यमंत्री के आवास पर गईं और दिल्ली पुलिस तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने घटना के तीन दिन बाद 16 मई को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
वकील ने कहा कि न तो स्वाति ने एमरजेंसी हेल्पलाइन पर कॉल करने के बाद कोई चिकित्सा सहायता मांगी, न ही थानाधिकारी ने उनसे मिलने के बाद कोई मेडिकल शीट तैयार की। इसके विरोध में दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा है कि एफ़आईआर के अनुसार स्वाति हमले के बाद सदमे में थीं और ठीक होने के बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
बीजेपी के इशारे पर आरोप लगाए गए: आप
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि स्वाति ने जो मारपीट के ये आरोप लगाए हैं वे बीजेपी के इशारे पर लगाए गए हैं। इस मामले में आप की वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा है कि आप की राज्यसभा सांसद को बीजेपी की साजिश के तहत दिल्ली के सीएम के घर भेजा गया था।
आतिशी ने शुक्रवार को कहा, 'जब से अरविंद केजरीवाल जी जेल से बाहर आए हैं, तब से बीजेपी बौखलाई हुई है। इसी क्रम में बीजेपी ने एक साजिश रची और इसमें स्वाति मालीवाल जी को चेहरा बनाया गया।' उन्होंने आगे कहा, 'स्वाति मालीवाल जी बिना किसी अप्वाइंटमेंट के सीएम आवास पहुँचीं और वह मुख्यमंत्री जी पर आरोप लगाना चाहती थीं, लेकिन उस समय वहां सीएम नहीं थे और वह बच गए। इसके बाद विभव कुमार जी पर आरोप लगाए गए।' उन्होंने कहा कि आज सामने आए एक वीडियो ने स्वाति मालीवाल जी के आरोपों का सच सबके सामने रख दिया है।
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