दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के बाद अब दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। उसने अरिवंद केजरीवाल सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि आप से मामला संभल नहीं रहा है, बहुत हो चुका, यदि आप नहीं संभाल सकते हैं, तो बताएं, हम ये चीजें केंद्र को सौंप देंगे।
सोमवार को अदालत ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को बहुत ही खरी खोटी सुनाई। हाई कोर्ट ने कहा, 'आपका सिस्टम फेल हो चुका है। दवाओं की कालाबाजारी जारी है। जो लोग ऐसी दवाओं से घर पर इलाज कराना चाहते हैं, उन्हें वह क्यों ना मिले? क्यों सिर्फ अस्पताल में भर्ती लोगों को यह दवा दी जाए?'
हाई कोर्ट ने कहा,
“
हमारा विश्वास डगमगा रहा है, आप अपना घर दुरुस्त कीजिए, आप प्रशासक हैं। आपको प्रशासन चलाना आना चाहिए। आपको हमने कभी पावर का इस्तेमाल करने से नहीं रोका।
दिल्ली हाई कोर्ट
ऑक्सीजन पर सरकार को लताड़
दिल्ली हाई कोर्ट की बेंच ने सरकार को ऑक्सीजन के मुद्दे पर भी लताड़ लगाई। उसने राज्य सरकार से कहा कि वह बुधवार को यह बताए कि इन सप्लायरों के पास कितना स्टॉक है।
अदालत ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार बिना किसी जवाबदेही के इन रीफिलर्स को ऑक्सीजन सप्लाई कर रही है। उसने कहा, 'लोग ऑक्सीजन के अभाव में मर रहे हैं, यह राज्य की जिम्मेदारी है। इसलिए आप सीधे अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करें।'
दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह एक बड़े ऑक्सीजन सप्लायर को 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दे देती है, पर वह सरकार के आदेशों का पालन नहीं कर रहा है।
अदालत ने सप्लायर से कहा, 'अभी अस्पतालों को गैस भेजिए, नहीं तो हम आपको हिरासत में ले लेंगे, एक आदमी भी मरा तो आपको साथ में लटका देंगे।'
ऑक्सीजन संयंत्र का अधिग्रहण
दिल्ली हाईकोर्ट ने सख़्त रुख अपनाते हुए दिल्ली सरकार से कहा कि वह ऑक्सीजन सिलेंडर प्लांट को तुरंत अधिग्रहण कर ले, इसमें उसके मालिक बाधा नहीं डालेंगे। दिल्ली सरकार ने कहा कि इस प्लांट से सिलिंडरों की कालाबाजारी होती है, इसलिए सख्त संदेश जाना चाहिए।
रेमडेसिविर पर सरकार को फटकार
अदालत ने इसी तरह कोरोना में लिए जाने वाले इंजेक्शन रेमडेसिविर लोगों को नहीं मिलने पर भी दिल्ली सरकार की तीखी आलोचना की। अदालत ने पूछा कि क्या घर पर इलाज करा रहे कोरोना मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिलेगा?
दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा, 'आप ऐसा आदेश कैसे पास कर सकते हैं? इसका मतलब जिनको अस्पताल में बेड नही मिला, उन्हें इंजेक्शन भी नहीं मिलेगा। यह तो लोगों की ज़िंदगी से खेलना हुआ।' अदालत ने सरकार से यह भी कहा कि रेमडेसिविर की कालाबाज़री से बचने के लिए वह सीधे अस्पतालों को इंजेक्शन दे।
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