दिल्ली हिंसा और इस पर पुलिस के रवैये पर हाई कोर्ट ने सख्त नाराज़गी जताई है। कोर्ट की यह नाराज़गी बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के नफ़रत वाले भाषण को लेकर भी थी। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि कपिल मिश्रा के उस भाषण वाले वीडियो की जाँच हो जिसके बाद हिंसा भड़की। हिंसा में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से ज़्यादा घायल हैं। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच ने तुषार मेहता से यह भी कहा कि वह पुलिस कमिश्नर को सलाह दें कि बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर, प्रवेश सिंह वर्मा और कपिल मिश्रा के कथित नफ़रत वाले बयान पर एफ़आईआर दर्ज की जाए।