दिल्ली हिंसा और इस पर पुलिस के रवैये पर हाई कोर्ट ने सख्त नाराज़गी जताई है। कोर्ट की यह नाराज़गी बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के नफ़रत वाले भाषण को लेकर भी थी। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि कपिल मिश्रा के उस भाषण वाले वीडियो की जाँच हो जिसके बाद हिंसा भड़की। हिंसा में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से ज़्यादा घायल हैं। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच ने तुषार मेहता से यह भी कहा कि वह पुलिस कमिश्नर को सलाह दें कि बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर, प्रवेश सिंह वर्मा और कपिल मिश्रा के कथित नफ़रत वाले बयान पर एफ़आईआर दर्ज की जाए।
दिल्ली हिंसा- कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा पर केस दर्ज हो: हाई कोर्ट
- दिल्ली
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- 26 Feb, 2020
दिल्ली हिंसा और इस पर पुलिस के रवैये पर हाई कोर्ट ने सख्त नाराज़गी जताई है। हाई कोर्ट ने तो यहाँ तक कह दिया कि हम इस देश में एक और 1984 नहीं होने देंगे।

हम एक और 1984 नहीं होने दे सकते हैं: हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने तो यहाँ तक कह दिया कि हम इस देश में एक और 1984 नहीं होने दे सकते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि कम से कम इस कोर्ट के रहते तो ऐसा नहीं हो सकता है। अदालत ने 1984 का ज़िक्र इसलिए किया है क्योंकि 1984 सिख विरोधी दंगे के लिए जाना जाता है जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे। दिल्ली हिंसा में डर के माहौल के बीच अदालत ने यह भी कहा कि यही वह समय है जब यह दिखाया जाए कि 'ज़ेड' सिक्योरिटी हरेक के लिए है। कोर्ट ने हिंसा में मारे गए आईबी के अधिकारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।