दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्भया रेप और हत्या मामले में चारों दोषियों को फाँसी के ख़िलाफ़ सभी क़ानूनी अधिकार इस्तेमाल करने के लिए एक हफ़्ते का समय दिया है। हाई कोर्ट ने यह फ़ैसला बुधवार को उस याचिका पर दिया जिसमें केंद्र सरकार ने निचली अदालतों द्वारा फाँसी की सज़ा को टालने को चुनौती दी थी। अब तक इस मामले में दोषियों के पास दया याचिका सहित कई क़ानूनी विकल्प मौजूद होने के कारण फाँसी की सज़ा दो बार टल चुकी है। और माना जा रहा था कि आगे भी इन्हीं कारणों से यह सज़ा फिर टल सकती थी। हाल के दिनों में फाँसी की सज़ा को टालने के लिए चारों दोषियों की ओर से अलग-अलग कई याचिकाएँ दायर की जा रही हैं।
निर्भया कांड: दोषियों के पास फ़ाँसी के ख़िलाफ़ एक हफ़्ते का क़ानूनी अधिकार
- दिल्ली
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- 5 Feb, 2020
दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्भया रेप और हत्या मामले में चारों दोषियों को फाँसी के ख़िलाफ़ सभी क़ानूनी अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए एक हफ़्ते का समय दिया है।

इसके साथ ही हाई कोर्ट ने इस बात को खारिज कर दिया कि दोषियों को अलग-अलग समय पर फाँसी की सज़ा दी जाए। हाई कोर्ट के जस्टिस सुरेश कैथ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, 'दिल्ली जेल के नियम यह नहीं कहते कि यदि एक दोषी की दया याचिका लंबित हो तो दूसरे दोषियों की फाँसी की सज़ा दी जा सकती है।' उन्होंने यह भी कहा कि सभी दोषियों की फाँसी की सज़ा एक साथ होनी चाहिए न कि अलग-अलग।