मुख्यमंत्री, मंत्री या किसी नेता द्वारा वादे करना और फिर उससे मुकर जाने जैसे मामलों पर दिल्ली हाई कोर्ट के एक फ़ैसले का दूरगामी असर हो सकता है। हाई कोर्ट ने कहा है कि एक मुख्यमंत्री या एक सरकारी प्राधिकरण द्वारा किया गया एक स्पष्ट वादा या आश्वासन नागरिकों में एक उचित उम्मीद जगाती है कि इसे पूरा किया जाएगा। इसने कहा कि ऐसा वादा अदालतों द्वारा 'स्पष्ट रूप से लागू कराने के योग्य' है।
लोगों से किए मुख्यमंत्री के वादे को कोर्ट लागू करा सकते हैं: दिल्ली हाई कोर्ट
- दिल्ली
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- 23 Jul, 2021
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि एक मुख्यमंत्री या एक सरकारी प्राधिकरण द्वारा किया गया एक स्पष्ट वादा या आश्वासन नागरिकों में एक उचित उम्मीद जगाती है कि इसे पूरा किया जाएगा। इसने कहा कि ऐसा वादा अदालतों द्वारा 'स्पष्ट रूप से लागू कराने के योग्य' है।

दिल्ली हाई कोर्ट दिल्ली सरकार से जुड़े एक मामले में गुरुवार को सुनवाई कर रहा था। दिल्ली सरकार को छह सप्ताह में यह तय करने का निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले साल 29 मार्च को किए गए अपने वादे को पूरा करने के लिए कैसे लागू करेंगे। तब कोरोना लॉकडाउन के दौरान केजरीवाल ने वादा किया था कि अगर कोई ग़रीब किरायेदार किराया नहीं दे सकता है तो राज्य सरकार उसका भुगतान करेगी। केजरीवाल के इसी वादे को लागू करने की मांग करते हुए दिहाड़ी मज़दूरों और श्रमिकों ने एक मकान मालिक के साथ एक याचिका दायर की थी। इसी पर कोर्ट सुनवाई कर रहा था।