दिल्ली के
विवादित शराब घोटाले में जांच एजेंसियों की कार्रवाई लगातार जारी है। ईडी ने इस मामले
में एक और गिरफ्तारी की है, उसने हैदराबाद के एक व्यवसाई अरुण रामचंद्र पिल्लई को
गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि जब यह नीति तैयार की जा रही थी और
उसे लागू किया जा रहा था तब पिल्तई ने अन्य आरोपियों के साथ नीति संबंधि बैठकों
में साउथ ग्रुप के प्रमुख का प्रतिनिधित्व किया था। यह इस मामले में 11वीं गिरफ्तारी है।
पिल्लई को लंबी पूछताछ के बाद सोमवार शाम PMLA के तहत गिरफ्तार किया गया है। उसे लोकल
कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां ED पूछताछ
के लिए उसकी कस्टडी की मांग करेगी।
इससे पहले 24
जनवरी को ईडी ने दिल्ली शराब नीति मामले में 72 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क
की थी। जांच एजेंसी द्वारा जो संपत्ति कुर्क की गई थी वह विजय नायर, व्यवसायी समीर महेंद्रू, दिनेश अरोड़ा और अरुण पिल्लई की थी। आज मंगलवार
को अरुण को गिरफ्तार कर लिया गया है।
ताजा ख़बरें
अरुण पिल्लई को के.कविता
का करीबी बताया जा रहा है। के.कविता तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी हैं।
सीबीआई ने इसी
मामले में बीते दिनों दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी गिरफ्तार
किया था। उसके बाद से सिसोदिया जेल में हैं। ईडी मंगलवार को तिहाड़ जेल में बंद
सिसोदिया से पूछताछ करेगी। कयास लगाए जा रहें हैं कि जांच एजेंसी पिल्लई और सिसोदिया
को आमने सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है।
26 फरवरी को गिरफ्तार
किये जाने से पहले सीबीआई ने सिसोदिया से कई घंटे की पूछताछ की थी उसके बाद उन्हें
गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी के बाद मनीस ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत
याचिका दायर की थे, कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था।
जमानत याचिका
खारिज होने के बाद मनीस ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके पहले कि
मनीस को जमानत मिलती सीबीआई ने उनकी रिमांड मांग ली थी। रिमांड खत्म होने के बाद
सीबीआई ने मनीष को सोमवार को फिर से राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। उसके बाद
से उन्हें 20 मार्च तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
दिल्ली से और खबरें
दिल्ली के एल जी वीके सक्सेना द्वारा शराबनीति
2021-22 के कार्यान्वयन में हुई कथित अनियमितताओं में सीबीआई जांच की सिफारिश करने
के बाद शराब योजना सवालों के घेरे में आ गई थी।
पिछले साल 17 नवंबर से लागू दिल्ली आबकारी नीति
को इस साल जुलाई में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने इसके कार्यान्वयन
की सीबीआई जांच के बाद खत्म कर दिया था। ईडी कथित घोटाले में मनी ट्रेल की जांच कर
रहा है।
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