इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार की शाम चुनाव आयोग से मिला है। इस मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि हमने इस मुलाकात में अपनी चिंताएं और आपत्ति दर्ज करवाई है। हमारे साथ इंडिया गठबंधन के साथी मौजूद हैं।
हमने मुख्य रूप से दो मुद्दे उठाए हैं। पहला ये कि मतदान के प्रतिशत के प्रकाशन में 11 दिन का विलंब नहीं होना चाहिए और यह नहीं हो सकता है। दूसरी लेकिन उससे ज्यादा चिंताजनक बात मतदान के प्रतिशत में वृद्धि होना है।
मतदान के प्रतिशत में जो वृद्धि हुई है वह पहले दिन प्रकाशित आंकड़े और बाद में प्रकाशित आंकड़े में लगभग साढ़े पांच प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि अगर इसे तुलनात्मक रूप से 2019 के चुनावों से देखें तो इन्ही चरणों में ये आंकड़े जो बदले थे वह लगभग एक से ढ़ाई प्रतिशत थे। तुलनात्मक रूप से 2019 के चुनाव में आकंड़े में इतनी वृद्धि नहीं पाई गई थी।
ऐसे में हमारा कहना है कि अगर आंकड़ों का प्रकाशन जल्द हो जाए तो इस तरह के सवाल नहीं उठेंगे। हमारी मांग है कि चुनाव आयोग इन आंकड़ों का जल्द से जल्द प्रकाशन करे।
हमने ये शिकायत काफी दिन पहले की थी, लेकिन दुर्भाग्य है कि चुनाव आयोग ने उसका जवाब आज हमारी मीटिंग से थोड़ी देर पहले ही अपलोड किया है।
चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और इस पर विश्वास को बरकरार रखना बहुत ही आवश्यक है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमारी दूसरी बात और भी चिंताजनक है। अगर कांग्रेस पार्टी को ही ले तो हमने हमने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ 11 शिकायतें की थी, लेकिन उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
यह शिकायतें अप्रैल से की गई हैं और मई आ चुका है अब चुनाव खत्म होने वाले हैं तीन हफ्ते बाद लेकिन आयोग ने कोई एक्शन नहीं लिया। इसलिए हमें इसपर जल्द जवाब चाहिए।
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