दिल्ली गैंग रेप यानी निर्भया केस के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों से 17 जनवरी यानी शुक्रवार तक दोषियों की फाँसी पर स्टेटस रिपोर्ट माँगी है। फाँसी को टालने के लिए चारों दोषियों में से एक की प्रार्थना पर दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को यह आदेश दिया है। दिल्ली के 2012 में गैंगरेप के मामले में पहले चारों दोषियों को 22 जनवरी को फाँसी देना तय किया जा चुका है, लेकिन इसी बीच एक दोषी ने दया याचिका दायर की है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने यह आदेश तब दिया जब जेल के अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि आरोपी की एक पेंडिंग याचिका को देखते हुए उन्होंने तय फांसी की तारीख के संबंध में दिल्ली सरकार को चिट्ठी लिखी है। राष्ट्रपति के पास दायर अपनी दया याचिका के लंबित होने का ज़िक्र करते हुए एक दोषी मुकेश सिंह ने फांसी की तारीख़ को टालने के लिए कोर्ट में अपील दायर की है। इसी मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
इस मामले में बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी ने कहा है कि केजरीवाल सरकार की लापरवाही के कारण फांसी में देरी हुई है।
बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में चलती बस में निर्भया से छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था। 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी। इस जघन्य कांड के मुख्य अभियुक्त राम सिंह ने 11 मार्च, 2013 को तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। बस में अक्षय कुमार सिंह हेल्पर के रूप में काम करता था। अक्षय बलात्कार, हत्या और सबूत मिटाने का दोषी है। इसके अलावा जिम ट्रेनर विनय शर्मा, बस ड्राइवर मुकेश सिंह भी इस जघन्य कांड में शामिल थे। एक और दोषी पवन गुप्ता फल की दुकान लगाता था। एक दोषी जो नाबालिग था उसे तीन साल की जेल के बाद छोड़ दिया गया था।
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