मुसलिम महिलाओं की ऑनलाइन बोली लगाने वाले बुल्ली बाई ऐप को बनाने वाले शख्स का कहना है कि उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। 21 साल का यह शख्स नीरज विश्नोई है जो मूल रूप से राजस्थान के नागौर का रहने वाला है। नीरज विश्नोई वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के मध्य प्रदेश के सीहोर स्थित कैंपस से बीटेक कर रहा है। दिल्ली पुलिस ने उसे असम के जोरहाट से पकड़ा था।
एनडीटीवी के मुताबिक़, नीरज विश्नोई का कहना है कि उसने वही किया जो उसे सही लगा। विश्नोई को अदालत में पेश किया गया था जहां से उसे 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था।
बुल्ली बाई ऐप को बीते साल नवंबर में बनाया गया था और 31 दिसंबर को इसे लोगों के बीच लाया गया।
सस्पेंशन आर्डर जारी
कोरोना की वजह से नीरज कॉलेज नहीं आ रहा था। वह ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा था। यह मामला सामने आते ही कॉलेज प्रबंधन हरकत में आया और उसने गुरुवार शाम को नीरज का सस्पेंशन आर्डर जारी कर दिया।
इससे पहले इस मामले में तीन लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है। बेंगलुरु से विशाल कुमार झा नाम के एक शख्स और 18 साल की श्वेता सिंह नाम की लड़की को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया था। मयंक रावत को भी मुंबई पुलिस ने उत्तराखंड से गिरफ़्तार किया था।
मुंबई पुलिस आईटी एक्सपर्ट की मदद से यह पता लगा रही है कि इस बुल्ली बाई ऐप पर जिन मुसलिम महिलाओं के फोटो अपलोड किए गए थे और उनकी बोली लगाई गई थी, उनका किस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा था।
श्वेता ने मुंबई पुलिस को शुरुआती जांच में बताया है कि उसने करीब 100 मुसलिम महिलाओं के फोटो इस मोबाइल ऐप पर अपलोड किए थे और उनकी बोली लगाई थी।
इस मामले में गुरुवार को अचानक दिल्ली पुलिस और मुंबई पुलिस का आमना-सामना आसाम के गुवाहाटी में हुआ था, जब दोनों जगहों की पुलिस नीरज विश्नोई को गिरफ़्तार करने पहुंची थीं।
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