एमसीडी में मनोनीत पार्षदों को पहले शपथ दिलाने के मुद्दे पर भिड़े बीजेपी और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अब सड़क पर आवाज बुलंद कर रहे हैं। सोमवार को इस मुद्दे को लेकर दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर प्रदर्शन किया और एक-दूसरे पर आरोप लगाए।
दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के राष्ट्रीय दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी वालों शर्म करो संविधान की हत्या बंद करो के नारे लगाए तो दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने भी आम आदमी पार्टी पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया।
ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि दिल्ली में मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव कब होगा। क्योंकि ताजा हालात में बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों ही पीछे हटने के लिए तैयार नहीं दिखाई देते।
क्या हुआ था सदन में?
बताना होगा कि शुक्रवार को एमसीडी में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए मतदान होना था लेकिन निर्वाचित पार्षदों से पहले दिल्ली के उपराज्यपाल के द्वारा मनोनीत किए गए पार्षदों को शपथ दिलाने को लेकर सदन अखाड़ा बन गया। इस दौरान जमकर धक्का-मुक्की हुई और दोनों दलों ने एक-दूसरे पर उनके पार्षदों की पिटाई करने का आरोप लगाया।
आम आदमी पार्टी का कहना है कि एमसीडी के तीनों नगर निगमों के एकीकरण का मामला हो, वार्डों का परिसीमन करना हो या गुजरात के विधानसभा चुनाव के साथ ही एमसीडी के चुनाव करवाना हो, इन सब पैंतरों के बावजूद दिल्ली की जनता ने बीजेपी को एमसीडी से निकाल कर बाहर फेंक दिया है। लेकिन अब वह किसी भी कीमत पर दिल्ली में अपना मेयर बनाना चाहती है।
पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति पर विवाद
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि एमसीडी में मुकेश गोयल सबसे वरिष्ठ पार्षद हैं लेकिन उन्हें पीठासीन अधिकारी ना बनाकर बीजेपी की पार्षद को पीठासीन अधिकारी बना दिया गया। दिल्ली सरकार ने पीठासीन अधिकारी के लिए आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल के नाम की सिफारिश की थी।
एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134, बीजेपी को 104 और कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत मिली थी और 15 साल से एमसीडी की सत्ता में बैठी बीजेपी की विदाई हो गई थी।
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