loader

सीएए: दिल्ली में हिंसा में मृतकों की संख्या पहुँची 7, एक पुलिसकर्मी भी शामिल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का जब अहमदाबाद और आगरा में ज़बरदस्त स्वागत हो रहा था तो दिल्ली उबल रही थी। जब तक ट्रंप दिल्ली पहुँचते उससे पहले ही नागरिकता संशोधन क़ानून पर प्रदर्शन में दो गुटों में झड़प हो गई और हिंसा में एक पुलिसकर्मी सहित सात लोगों की मौत हो गई।

नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के मौजपुर, जाफ़राबाद इलाक़े की यह घटना है। हिंसा में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की मौत हो गई। दिल्ली पुलिस ने बताया है कि हिंसा में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा है कि दिल्ली में हिंसा प्रभावित नॉर्थ-ईस्ट ज़िले में मंगलवार को स्कूलों की गृह परीक्षाएँ नहीं होंगी और सभी सरकारी एवं प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे। सिसोदिया ने कहा, ‘बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में मैंने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से बात की है कि इस ज़िले में मंगलवार को होने वाली बोर्ड की परीक्षा भी स्थगित कर दी जाए।’ दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने सोमवार रात 12 बजे कुछ अन्य विधायकों के साथ उप राज्यपाल अनिल बैजल से मुलाक़ात की और उनके साथ दिल्ली के हालात को लेकर चर्चा की। 

ख़बरों के मुताबिक़, जाफ़राबाद और मौजपुर के इलाक़े में प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों, घरों में आग लगा दी। हेड कांस्टेबल रतन लाल इन दिनों एसीपी गोकलपुरी के ऑफ़िस में तैनात थे और हिंसा के बाद उन्हें मौजपुर इलाक़े में भेजा गया था। रतन लाल प्रदर्शनकारियों को शांत कर रहे थे तभी उनके सिर पर एक पत्थर लगा। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। ख़बरों के मुताबिक़, प्रदर्शनकारियों ने चांदबाग बाज़ार के इलाक़े में डीसीपी शाहदरा की गाड़ी में भी आग लगा दी। रात 8 बजे के आसपास गोकलपुरी की टायर मार्केट में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी। दमकल की गाड़ियों ने मौक़े पर पहुंचकर आग को बुझाया। 

एनडीटीवी के मुताबिक़, प्रदर्शनकारियों ने एक ऑटो रिक्शा में आग लगा दी है। इसके अलावा एक प्रदर्शनकारी के हाथ में बंदूक भी दिखाई दी है और वह पुलिसकर्मी की ओर बंदूक लेता हुआ भागता हुआ दिखाई दिया है। बताया जा रहा है कि इस शख़्स ने 8 राउंड फ़ायरिंग की है। फ़ायरिंग करने वाले शख़्स की पहचान शाहरूख के रूप में हुई है और वह स्थानीय निवासी है। पुलिस ने शाहरूख को हिरासत में ले लिया है। 
जाफ़राबाद में चल रहे प्रदर्शन के विरोध में रविवार को बीजेपी नेता कपिल मिश्रा की अगुवाई में सैकड़ों लोग मौजपुर इलाक़े में जमा हो गये थे और इसके बाद क़ानून के विरोध में और समर्थन में उतरे लोगों के बीच पत्थरबाज़ी हुई थी। इलाक़े में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और फ़्लैग मार्च निकाला जा रहा है। 
हिंसा के बाद उत्तर-पूर्वी जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि वह क़ानून-व्यवस्था की स्थिति को संभालें।

सोमवार को जाफ़राबाद के चांदबाग इलाक़े में भी हिंसा हुई है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिये आंसू गैस के गोले छोड़े हैं और लाठीचार्ज किया है। ‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक़, अधिकारियों ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने दमकल की एक गाड़ी में तोड़फोड़ की है। डीएमआरसी ने जाफ़राबाद और मौजपुर-बाबरपुर स्टेशनों को रविवार के बाद सोमवार को भी बंद रखा। 

ताज़ा ख़बरें

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हिंसा की घटना पर ट्वीट किया है। केजरीवाल ने लिखा है कि यह बेहद परेशान करने वाली घटना है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपील की है कि वह क़ानून व्यवस्था की स्थिति बहाल करें। 

एनडीटीवी के मुताबिक़, मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास कबीर नगर इलाक़े में हुई हिंसा का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में दोनों गुटों की ओर से पत्थरबाज़ी होती दिख रही है। एक और वीडियो भी सामने आया है जिसमें प्रदर्शनकारियों को ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए सुना जा सकता है।

दिल्ली की क़ानून व्यवस्था पर सवाल 

दिल्ली में पिछले दो महीने से नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहे हैं। दिसंबर में भी जाफ़राबाद और सीलमपुर इलाक़े में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए थे और इसके अलावा जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी हिंसक प्रदर्शन हुए थे और पुलिस ने कैंपस में घुसकर लाठीचार्ज किया था। शाहीन बाग़ में पहले से ही प्रदर्शन चल रहा है। ऐसे में देश की राजधानी में एक शख़्स खुलेआम पुलिसकर्मियों पर फ़ायरिंग कर रहा है तो यह क़ानून व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े करता है। दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आती है और नागरिकता क़ानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में हो रही हिंसा को रोक पाने में पुलिस विफल रही है। 

दिल्ली से और ख़बरें
शनिवार रात को 500 से ज़्यादा महिलाएं नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करते हुए जाफ़राबाद इलाक़े में सड़क पर बैठ गयी थीं और उनका धरना जारी है। प्रदर्शन कर रही महिलाएं इस बात की मांग कर रही हैं कि केंद्र सरकार नागरिकता क़ानून को वापस ले। इस दौरान वह आज़ादी के नारे भी लगा रही हैं। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें