दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डीयूएसयू) के चुनाव में एबीवीपी ने एक बार फिर शानदार जीत दर्ज की है। एबीवीपी ने लगातार तीन बार चार में से तीन पद जीतकर डीयूएसयू पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। एबीवीपी भाजपा समर्थित छात्र संगठन है।
शनिवार की शाम घोषित किए गए नतीजों में एबीवीपी के तुषार डेढ़ा को अध्यक्ष, अपराजिता को सचिव और सचिन बैसला को संयुक्त सचिव के पद पर जीत मिली है। वहीं कांग्रेस समर्थित नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के अभि दहिया ने उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक डीयूएसयू के चार प्रमुख पदों के लिए शुक्रवार को उत्तरी और दक्षिणी परिसरों के 52 कॉलेजों और विभागों में मतदान हुआ था। चुनाव में 24 उम्मीदवार मैदान में थे। यह चुनाव इसलिए भी खास रहा कि कोराना के बाद यह बंद था और तीन साल के बाद यहां डीयूएसयू चुनाव हुए हैं। इस साल डीयूएसयू चुनाव में 42 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि 2019 में यह 39.90 प्रतिशत था।
जैसे ही गिनती समाप्त हुई, डीयू के कला संकाय में जश्न और जयकार शुरू हो गया। चार में से तीन पदों पर हुई इस जीत ने एबीवीपी समर्थकों को उत्साह से भर दिया। विजेता विवेकानंद की प्रतिमा के सामने खड़े होकर अपनी खुशी का इजहार कर रहे थे।
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एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच रहा सीधा मुकाबला
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि यह तीसरी बार है जब एबीवीपी ने चार में से तीन पदों पर जीत हासिल की है। पिछली दो बार वर्ष 2019-20 में अक्षित दहिया और वर्ष 2018-19 में अकीव बैसोया ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी।बीते कई वर्षों की तरह इस बार भी एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला।पिछले पांच बार से छात्र संघ में चार पदों के लिए खींचतान एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच ही रही है. एबीवीपी ने 2016, 2018 और 2019 में अध्यक्ष की सीट हासिल की थी। जबकि एनएसयूआई को 2017 में एक साल के लिए अध्यक्ष पद मिला था।
2019 में, एबीवीपी के अक्षित दहिया ने एनएसयूआई की चेतना त्यागी को 19,000 से अधिक वोटों के अंतर से हरा कर अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की थी। 2019 में एबीवीपी ने उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर भी जीत हासिल की थी। वहीं सचिव पद एनएसयूआई के खाते में गया था।
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एनएसयूआई के अभि दहिया को 22,331 वोट मिले
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अपनी इस सफलता के बारे में बोलते हुए, तुषार डेढ़ा ने कहा है कि हमारी जीत का पर्याप्त अंतर एबीवीपी के प्रति छात्रों के गहरे विश्वास और आस्था को दर्शाता है।शनिवार को एबीवीपी के एक बयान के अनुसार, अपराजिता ने एक महिला उम्मीदवार के रूप में सबसे अधिक वोटों के अंतर से अपनी ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। अपराजिता ने कहा है कि यह जीत महिलाओं के मुद्दों और सशक्तिकरण पर एबीवीपी के लगातार काम के प्रभाव को रेखांकित करती है।
इस साल एबीवीपी के तुषार डेढ़ा ने एनएसयूआई के अपने प्रतिद्वंद्वी हितेश गुलिया को 3,115 वोटों से हराया है। जबकि अपराजिता और बैसला ने एनएसयूआई के उम्मीदवार यक्ष्ना शर्मा और शुभम कुमार को क्रमशः 12,937 और 9,995 वोटों के अंतर से हराकर सचिव और संयुक्त सचिव का पद जीता है। जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए एनएसयूआई के अभि दहिया को 22,331 वोट मिले और उन्होंने एबीवीपी के सुशांत धनखड़ को 1,829 वोटों के अंतर से हराया है।
आयशा अहमद खान तीसरे स्थान पर रहीं
इस बीच, वामपंथी छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए) की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार आयशा अहमद खान 3,335 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के आरिफ सिद्दीकी को डूसू अध्यक्ष पद की दौड़ में 1,838 वोट मिले हैं। एआईएसए ने शनिवार को एक बयान में कहा है कि चुनाव के दौरान धन और बाहुबल के बेधड़क प्रदर्शन, मानदंडों के उल्लंघन और हिंसा की घटनाओं के बावजूद, छात्र इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में आए और अपना जनादेश दिया। चुनाव में एआईएसए ने दिखाया है कि वह अभी भी दिल्ली विश्वविद्यालय में तीसरा मोर्चा और सबसे बड़ी लोकतांत्रिक ताकत है।
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