loader
आप के नेता भाजपा में शामिल हुए

दिल्ली में AAP विधायक और पूर्व मंत्री के भाजपा में जाने के क्या हैं मायने?

दिल्ली में छतरपुर विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक करतार सिंह तंवर, दिल्ली के पूर्व मंत्री और पटेल नगर से पूर्व विधायक राज कुमार आनंद और पटेल नगर की एक अन्य पूर्व विधायक वीना आनंद समेत आप के कई वरिष्ठ नेता बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए। इनमें से आप के पूर्व विधायक और मंत्री राजकुमार आनंद के यहां ईडी के छापे भी पड़ चुके हैं। उस समय वो मंत्री थे। 

दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दक्षिणी दिल्ली के सैद-उल-अजायब वार्ड से आप पार्षद उम्मेद सिंह फोगाट और कुछ अन्य आप सदस्य भी इस अवसर पर भाजपा में शामिल हुए, जहां भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह भी मौजूद थे। सचदेवा ने कहा कि “आप नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और काम से प्रेरित होकर भाजपा में शामिल हुए हैं और क्योंकि (उन्हें लगा) कि आप में काम करना तानाशाही के तहत काम करने जैसा है। सचदेवा ने कहा, ''आप में भ्रष्टाचार चरम पर है...उन सभी ने भाजपा की सदस्यता ले ली है और हम सभी का पार्टी में स्वागत करते हैं।''

ताजा ख़बरें

तंवर छतरपुर से दूसरी बार विधायक बने हैं, जहां से उन्होंने 2015 में पहली बार जीत हासिल की थी और 2020 में AAP ने उन्हें फिर से मैदान में उतारा था। 2014 में AAP में शामिल होने से पहले, वह भाजपा के सदस्य थे, और उनके वापस शामिल होने को भाजपा नेताओं ने "घर वापसी" बताया है।

राज कुमार आनंद 2020 में AAP के टिकट पर आरक्षित सीट पटेल नगर से विधायक चुने गए। उसके बाद उन्हें दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री बनाया गया।

राजकुमार आनंद ने बड़ी ही अजीबोगरीब हालात में आप से किनारा किया था। जब वो मंत्री थे तो उनके घर और दफ्तर पर पिछले साल ईडी ने छापे मारे थे। उसके बाद वो चुप हो गए। लेकिन राजुकमार ने अचानक ही 10 अप्रैल 2024 को मंत्री पद और आप से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी पर भ्रष्टाचार और दलितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए और आप के साथ अपने कार्यकाल को एक "बुरा सपना" बताया। एक महीने बाद, वह 5 मई को बसपा में शामिल हो गए और नई दिल्ली सीट से लोकसभा चुनाव 2024 लड़ा, जो भाजपा ने जीत लिया। विधानसभा अध्यक्ष ने दलबदल विरोधी कानून के तहत उन्हें 14 जून को सदन से अयोग्य घोषित कर दिया था।

वीना आनंद 2013 में पटेल नगर से AAP विधायक चुनी गईं। वह राजकुमार आनंद की पत्नी हैं।  वह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले तक क्षेत्र में एक सक्रिय AAP नेता थीं। जब उनके पति ने लोकसभा चुनाव लड़ा तो उन्होंने भी आप छोड़ दिया।

आप नेताओं का पाला बदलना दिल्ली में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले सामने आया है। जनवरी-फरवरी 2025 में दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने की संभावना है। संकटग्रस्त AAP के लिए यह एक झटका ही है। आप के शीर्ष नेता, जिनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं, कथित भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में जेल में हैं। हालांकि आप ने एमसीडी का चुनाव जीतकर साबित किया कि दिल्ली के विधानसभा और एमसीडी चुनाव में जनता आज भी उन्हें वोट देती है लेकिन लोकसभा के राष्ट्रीय चुनाव में उन्हें वोट नहीं मिलता है।

आप का हमला

आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भाजपा को विधायक, सांसद, पार्षद चोर पार्टी है। संजय सिंह ने कहा कि आपने साइकिल चोर, घड़ी चोर, बाइक चोर,  कार चोर, सोना चोर सुना होगा, लेकिन “BJP” पार्षद चोर,  विधायक चोर, सांसद चोर पार्टी चोर है। सारे दाग चुटकियों में धुले “मोदी वाशिंग पाउडर।”

राज कुमार आनंद की अयोग्यता से विधानसभा में AAP की ताकत घटकर 61 हो गई है। तंवर को भी दलबदल कानून के तहत अयोग्य घोषित किए जाने की संभावना है। दिल्ली विधानसभा में भाजपा के 8 विधायक थे, जो बदरपुर विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी द्वारा पिछले महीने दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद सदन से इस्तीफा देने के बाद घटकर 7 रह गए हैं।

दिल्ली से और खबरें

केजरीवाल बराबर आरोप लगाते रहे हैं कि भाजपा आप को एक खतरे के रूप में देखती है। आप को खत्म करने के लिए उसने "ऑपरेशन झाड़ू" शुरू किया है, जो उनकी पार्टी को कमजोर करने के लिए एक ठोस अभियान है। केजरीवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री ने आम आदमी पार्टी को कुचलने का मन बना लिया है।" उन्होंने दावा किया कि इस ऑपरेशन में प्रमुख आप नेताओं को गिरफ्तार करना, पार्टी के बैंक खाते जब्त करना और उनके कार्यालय बंद करना शामिल है। केजरीवाल ने कहा- 'प्रधानमंत्री आप के बारे में लगातार बात कर रहे हैं है, कि आप अच्छा काम कर रही है और पूरा देश उनके काम के बारे में बात कर रहा है और यह पार्टी उनके लिए खतरा है। भाजपा, यही कारण है कि अब इस पार्टी से निपटना जरूरी है।”

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें