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आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा की शिकायत के बाद चुनाव आयोग पार्टी के लोकसभा चुनाव अभियान सॉन्ग 'जेल का जवाब वोट से' पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहा है। आप ने कहा है कि इसको लेकर चुनाव आयोग ने पार्टी को नोटिस भेजा है। पार्टी ने कहा है कि वह चुनाव आयोग को अपना जवाब सौंपेगी।
आप की वरिष्ठ नेता आतिशी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, 'भाजपा ने अब हमारे ख़िलाफ़ अपने एक और हथियार, भारत के चुनाव आयोग का इस्तेमाल किया है। सबसे पहले यह सीएम अरविंद केजरीवाल को आगामी लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार करने से रोकने के मक़सद से झूठे मामले में गिरफ्तार करती है। अब यह हमारे प्रचार सॉन्ग को भी बंद करने की साजिश रच रही है। यह चौंकाने वाला है...।'
एक गाने से डर गया तानाशाह
— AAP (@AamAadmiParty) April 28, 2024
BJP के नेता हर रोज़ आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं, लेकिन यह चुनाव आयोग को नहीं दिखता।
वहीं विपक्ष का कोई नेता सांस भी ले लेता है तो Election Commission नोटिस भेज देता है।@AtishiAAP pic.twitter.com/yliP9j6Aft
बीजेपी के कैंपेन सॉन्ग को आप नेता दिलीप पांडे ने लिखा और गाया है। इसको गुरुवार को वरिष्ठ नेता संजय सिंह और गोपाल राय और अन्य नेताओं द्वारा लॉन्च किया गया। आप के इसी रैप सॉन्ग को लेकर बीजेपी ने आयोग से शिकायत की है।
रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी की शिकायत में कहा गया है कि इस अभ्यावेदन के माध्यम से तत्काल हस्तक्षेप के लिए आपका ध्यान 'जेल का जवाब वोट से' शीर्षक से अप्रमाणित वीडियो गीत बनाने, प्रकाशित करने और प्रचारित करने की ओर लाया गया है।
बीजेपी ने कहा है कि यह आदर्श आचार संहिता और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए इसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से प्रसारित करके एनडीए सरकार और उसके अन्य नेताओं की छवि खराब की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए भाजपा की शिकायत में कहा गया कि आप ने केंद्र में भाजपा सरकार को निशाना बनाते हुए 'तानाशाही, गुंडा पार्टी, चोट देंगे' जैसे 'असंसदीय' शब्दों का इस्तेमाल किया था।
इन आरोपों पर आतिशी ने कहा है कि 'बीजेपी के नेता हर रोज़ आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं, लेकिन यह चुनाव आयोग को नहीं दिखता। वहीं विपक्ष का कोई नेता सांस भी ले लेता है तो चुनाव आयोग नोटिस भेज देता है।'
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