आने वाली फिल्म द केरल स्टोरी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। विवाद की वजह है
फिल्म का कंटेंट, जिसमें
केरल राज्य की हजारों महिलाओं को आतंकी संगठन आईएसआईएस से कथित तौर पर जुड़ा हुआ
दिखाया गया है। फिल्म साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने वाली है, इसलिए इसका विरोध हो रहा
है। लोगों का कहना है कि फिल्म को एक खास नजरिए से पेश किया गया है, जिसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है।
फिल्मों को लेकर अक्सर विवाद होता रहता है, ऐसे में केरल स्टोरी को लेकर विवाद कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस
बार फिल्म के कंटेंट से ज्यादा इसके मकसद पर सवाल उठ रहा है। विरोध करने वाले
फिल्म से जुडे लोगों के मकसद पर ही सवाल उठा रहे हैं।
यही वजह है कि फिल्म द केरल स्टोरी पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठ रही है। बैन
की मांग करने वालों में केरल राज्य सरकार भी है। केरल की सरकार के अलावा वहां के
विरोधी दलों ने भी इसको बैन करने की मांग की है। राज्य के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने फिल्म के बैन की
मांग करते हुए कहा कि फिल्म आरएसएस के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है।
इस मसले पर राज्य की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी विरोध करते हुए फिल्म पर
बैन की मांग की है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी फिल्म का विरोध किया। शशि थरूर ने ट्विटर पर
फिल्म का पोस्टर शेयर करते हुए लिखा था कि यह हमारे केरल की कहानी नहीं है, यह आपके केरल की कहानी है।
थरूर ने कहा कि फिल्म में कहा गया है कि केरल में 32000 महिलाओं ने इस्लाम कबूला, इस दावे को साबित करने के लिए इसे बनाने वाले सबूत जमा करें और एक करोड़ रुपये
ले जाएं। यानी शशि थरूर ने सबूत देने पर इनाम घोषित कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक्जीबिटर्स यूनाइटेड ऑर्गनाइजेशन ऑफ केरल
(एफईयूओके) ने कहा है कि द केरल स्टोरी पर प्रतिबंध लगाने का कोई फायदा नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह फिल्म तब लोग देखेंगे, जब यह ओटीटी पर रिलीज होगी। उन्होंने कहा, फिल्म पर प्रतिबंध लगाना
एक अच्छी मिसाल नहींं है।
फिल्म में केरल की उन हजारों लड़कियों की काल्पनिक कहानी है, जो अचानक से गायब हो जाती
हैं। बात में सामने आता है कि इन लड़कियों का ब्रेन वॉश करके उनका कथित तौर पर
धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें आईएस जैसे आतंकी संगठन में शामिल किया गया। बाद में इन
लड़कियोंं को भारत समेत दुनिया के कई देशों में आतंकी मोर्चो में तैनात किया गया।
केरल के मुख्यमंत्री विजयन का कहना है कि यह फिल्म आरएसएस की झूठी की फैक्टरी में
बना प्रोडक्ट है और इसे संघ परिवार के प्रोपेगेंडा को फैलाने के लिए बनाया गया है।
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि यह फिल्म केरल को बदनाम करने और राज्य को
सांप्रदायिक रूप से बांटने के लिए बनाई गई है। अभिव्यक्ति की आजादी झूठ फैलाने, किसी क्षेत्र को
सांप्रदायिक बताने और लोगों को बांटने का लाइसेंस नहीं है।
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