समाज और परिवार के बदलते ढाँचों और प्राथमिकताओं के बीच अकेले पड़ गये बुज़ुर्गों की देखभाल पूरी दुनिया में इस समय बहुत संवेदनशील मसला है। उम्र की दिक़्क़तों में अगर डिमेंशिया जैसा लाइलाज मानसिक रोग भी जुड़ जाए तो कठिनाई और बढ़ जाती है। ऑस्कर से सम्मानित फ़िल्म 'द फ़ादर' इस विषय को असाधारण मार्मिकता से अभिव्यक्त करती है। इस फ़िल्म के केंद्रीय चरित्र के अभिनय के लिए एंथनी हाॅपकिंस को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का ऑस्कर सम्मान मिला है। 83 साल के एंथनी हाॅपकिंस यह सम्मान पाने वाले सबसे बुज़ुर्ग सक्रिय अभिनेता हैं। फ़िल्म में उनके किरदार का नाम भी एंथनी ही है। लाजवाब काम किया है उन्होंने। साइलेंस ऑफ़ द लैंब्स में सिहरन पैदा करने वाली एंथनी हाॅपकिंस की आँखें यहाँ करुणा, असमंजस, उदासी, अकेलापन, झुँझलाहट, क्रोध, अजनबियत के भाव दर्शाती हैं।
डिमेंशिया मरीज़ के बहाने हर घर के बुजुर्गों का दर्द बयां करती है ‘द फ़ादर’
- सिनेमा
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- 22 Sep, 2021

निर्देशक ने एंथनी की दिमाग़ी उलझन, गुम होती याददाश्त, अकेलापन दिखाने के लिए जो तरकीबें इस्तेमाल की हैं, वे बहुत दिलचस्प हैं। पूरी फ़िल्म एक फ़्लैट के भीतर ही चलती है, कुछेक दृश्यों को छोड़कर। कुछ संवाद दोहराये जाते हैं एक ही किरदार के अलग-अलग चेहरों के साथ और फ़्लैट की साजसज्जा बदल जाती है।