‘फ़िल्मों में मनोरंजन के नाम पर क्या विचारधाराओं-नेताओं का हो रहा है प्रचार?’ 'तानाजी' फ़िल्म के रिलीज होने के बाद 'सत्य हिंदी.कॉम' में इस शीर्षक से हमने ख़बर प्रकाशित की थी और आज उसी सवाल का एक तरह से जवाब दिया है 'तानाजी' में अहम भूमिका निभाने वाले कलाकार सैफ़ अली ख़ान ने। जाने-माने अभिनेता सैफ़ अली ख़ान ने 'तानाजी: द अनसंग वॉरियर' फ़िल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ को ख़तरनाक बताया है। सैफ़ ने कहा है कि इस फ़िल्म मैं उनका जो रोल है उसे इतिहास नहीं कहा जा सकता।

फ़िल्मों में मनोरंजन के नाम पर क्या विचारधाराओं-नेताओं का हो रहा है प्रचार? सैफ़ ने इस सवाल का एक तरह से जवाब दिया है।
सैफ़ ने कहा, ‘फ़िल्म में उदयभान राठौर का किरदार बहुत आकर्षक लगा था इसलिए वह उसे छोड़ नहीं पाए लेकिन इसमें पॉलिटिकल नैरेटिव बदला गया है और वह ख़तरनाक है। भविष्य में इतिहास पर आधारित फ़िल्मों के रोल स्वीकारते समय मैं इस बात का ध्यान ज़रूर रखूंगा कि जैसा रोल बताया गया वह वैसा ही है या नहीं।’